पाकिस्तान के जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि वह गुलामी स्वीकार करने की बजाय जेल की अंधेरी कोठरी में रहना पसंद करेंगे।
By: Sandeep malviya
Jul 02, 202520 hours ago
लाहौर। पाकिस्तान के जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि वह गुलामी स्वीकार करने की बजाय जेल की अंधेरी कोठरी में रहना पसंद करेंगे। उन्होंने अपने समर्थकों से मौजूदा शासन के खिलाफ प्रदर्शन करने की अपील की है। इमरान खान ने अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकतार्ओं से कहा कि वह मुहर्रम के दसवें दिन आशूरा के बाद तानाशाह शासन के खिलाफ एक मजबूत आंदोलन शुरू करें। इस साल अशूरा 6 जुलाई को पड़ रहा है। आशूरा के दिन पैगंबर के पोते इमाम हुसैन को करबला के मैदान में शहीद कर दिया गया था।
खान ने कहा, मैं अपने कार्यकतार्ओं और समर्थकों से अपील करता हूं कि वे अशूरा के बाद इस तानाशाही वाले शासन के खिलाफ उठ खड़े हों। उन्होंने आगे कहा, इस गुलामी को कबूल करने की जगह मैं जेल की काल कोठरी में रहना पसंद करूंगा। खान पिछले दो साल से रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली जेल में बंद हैं। खान ने कहा कि हरसंभव तरीके से उनकी आवाज को दबाया जा रहा है, ताकि उनका संदेश जनता तक न पहुंचे। सेना प्रमुख असीम मुनीर पर टिप्पणी करते हुए इमरान खान (72 वर्षीय) ने कहा, जब कोई तानाशाह सत्ता में आता है तो उसे वोटों की जरूरत नहीं होती, वह जबरदस्ती शासन करता है। देश की न्यायपालिका को लेकर उन्होंने कहा, अदालतें चुने हुए (सेलेक्टेड) जजों से भरी हुई हैं, जबकि स्वतंत्र जजों को बेबस कर दिया गया है। उन्होंने कहा, यह सब केवल मार्शल लॉ के तहत होता है। उन्होंने कहा कि देश में अभिव्यक्ति की आजादी पूरी तरह से कुचल दी गई है और स्वतंत्र पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है।
खान पर 9 मई, 2023 को हुई हिंसा के सिलसिले में लाहौर में कई मुकदमे दर्ज हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने समर्थकों को सरकारी और सैन्य इमारतों पर हमला करने के लिए उकसाया था। यह हिंसा तब भड़की थी, जब उन्हें इस्लामाबाद हाईकोर्ट के परिसर से अर्धसैनिक रेंजर्स ने गिरफ्तार किया था। पूर्व क्रिकेटर से राजनेता बने खान अगस्त 2023 से कई मामलों में जेल में हैं।