जमैका के प्रधानमंत्री एंड्रयू होलनेस ने आम चुनाव के कड़े मुकाबले में लगातार तीसरी बार जीत हासिल की। वहीं विपक्षी नेता मार्क गोल्डिंग ने हार स्वीकार की। सत्तारूढ़ जमैका लेबर पार्टी ने अपराध में गिरावट और आर्थिक सुधार को चुनावी मुद्दा बनाया था।
By: Sandeep malviya
Sep 04, 2025just now
किंग्सटन (जमैका)। जमैका के प्रधानमंत्री एंड्रयू होलनेस ने संसदीय चुनाव में एक कड़े मुकाबले में गुरुवार को तीसरी बार जीत हासिल की। यह चुनाव ऐसे समय में हुआ, जब देश भ्रष्टाचार, असमानता और आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है। शुरूआती नतीजों के मुताबिक, होलनेस की जमैका लेबर पार्टी ने 34 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि विपक्षी नेता मार्क गोल्डिंग की पीपुल्स नेशनल पार्टी को 29 सीटों पर जीत हासिल हुई। गोल्डिन एक संक्षिप्त भाषण में अपनी हार स्वीकार की और कहा कि उन्हें नतीजों से निराशा हुई है, लेकिन उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी की जीत को स्वीकार किया और उसे उनकी सफलता माना।
आम चुनाव में केवल 38.8 फीसदी रहा मतदान
जमैका में बुधवार को आम चुनाव हुए, जिनमें जमैका प्रोग्रेसिव पार्टी, यूनाइटेड इंडिपेंडेंट्स कांग्रेस और नौ निर्दलीय उम्मदीवारों ने भी हिस्सा लिया। इन उम्मीदवारों ने अलग-अलग क्षेत्रों से चुनाव लड़ा। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, मतदान प्रतिशत केवल 38.8% रहा, जो 2020 में महामारी के दौरान हुए चुनाव के मुकाबले थोड़ा ही ज्यादा है।
वोट डालने के पात्र हैं कुल 20 लाख पंजीकृत मतदाता
जमैका की कुल आबादी 28 लाख है, जिसमें से केवल 20 लाख पंजीकृत मतदाता वोट डालने के पात्र हैं। जमैका की संसद के निचले सदन यानी प्रतिनिधि सभा की कुल 63 सीटों पर चुनाव हुआ। जिस पार्टी को बहुमत मिलता है, उसका नेता देश का अगला प्रधानमंत्री बनता है। इसके बाद नया प्रधानमंत्री संसद के ऊपरी सदन यानी सीनेट में 21 में से 13 सदस्यों को नियुक्त करता है, जबकि विपक्ष आठ सदस्यों का चयन करता है।
मौजूदा सरकार में अपराध में आई कमी
होलनेस के नेतृत्व में इस साल अब तक जमैका में हत्या के मामलों में 43% की कमी आई है, जो पिछले कई दशकों में सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है। जमैका में अपराध इसलिए कम हुए हैं क्योंकि सरकार ने गैरकानूनी हथियारों को पकड़ना शुरू किया और देशभर में पुलिस व सुरक्षा बलों की सख्त तैनाती की। जमैका लेबर पार्टी ने इसी उपलब्धि के आधार पर प्रचार किया और खुद को ऐसी सरकार के रूप में पेश किया जिसने देश को बड़े पैमाने पर हिंसा की ओर बढ़ने से रोका। हालांकि अपराध के आंकड़ों में सुधार हुआ है, फिर भी जमैका के हिंसक इतिहास की छाया अभी भी महसूस होती है। मौजूदा सरकार ने कुछ क्षेत्रों में आपातकाल लागू करने जैसे कदम उठाए, जिसको लेकर जनता में मिली-जुली प्रतिक्रिया थी। कुछ ने इसका समर्थन किया और कुछ ने आलोचना की। निजी क्षेत्र और कई आम जमैका वासियों ने इन कदमों की सराहना की है, खासकर उन इलाकों में जहां हत्याओं की संख्या में 70 फीसदी तक की कमी आई है। लेकिन मानवाधिकार संगठनों ने चिंता जताई थी कि इन कदमों का दुरुपयोग भी हो सकता है। उन्होंने कथित रूप से गैरकानूनी गिरफ्तारी के मामलों की ओर इशारा करते हुए कहा कि सुरक्षा और नागरिक स्वतंत्रता के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है। जमैका लेबर पार्टी ने अपने चुनाव प्रचार में यह भी जोर दिया कि उन्होंने बेरोजगारी की दर कम रखी है और देश में जो प्रगति हुई है उसे जारी रखना जरूरी है। रविवार को होलनेस ने वादा किया कि अगर उनकी पार्टी फिर से सत्ता में आई, तो वे न्यूनतम वेतन को दोगुना कर देंगे। फिलहाल यह वेतन 100 डॉलर प्रति 40 घंटे के कार्य सप्ताह के हिसाब से है।