भारतीय वायुसेना की ताकत कहा जाने वाले मिग-21 एयरक्राफ्ट रिटायर हो गया। चंडीगढ़ एयरबेस में फाइटर जेट को विदाई दी गई। अब विमान की सेवाएं आधिकारिक तौर पर खत्म हो जाएंगी। विदाई समारोह में एयरफोर्स चीफ एपी सिंह ने 23 स्क्वाड्रन के 6 जेट के साथ आखिरी उड़ान भरी।
By: Arvind Mishra
Sep 26, 202512:42 PM
चंडीगढ़। स्टार समाचार वेब
आसमान का बादशाह रहा मिग-21 को आज ऐतिहासिक विदाई दी गई। विदाई समारोह में सूर्य किरण एरोबेटिक टीम ने अपनी प्रस्तुति दी। अलविदा उड़ान को देखकर इन्हें उड़ाने वाले पूर्व वायु सैनिक भावुक हो गए। जगुआर और तेजस फाइटर जेट ने भी विदाई समारोह में हिस्सा लिया। समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ सीडीएस अनिल चौहान भी शामिल हुए। दरअसल, भारतीय वायुसेना की ताकत कहा जाने वाले मिग-21 एयरक्राफ्ट रिटायर हो गया। चंडीगढ़ एयरबेस में फाइटर जेट को विदाई दी गई। अब विमान की सेवाएं आधिकारिक तौर पर खत्म हो जाएंगी। विदाई समारोह में एयरफोर्स चीफ एपी सिंह ने 23 स्क्वाड्रन के 6 जेट के साथ आखिरी उड़ान भरी। स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा ने भी फ्लाईपास्ट में हिस्सा लिया। गौतरलब है कि 1963 में एयरक्राफ्ट चंडीगढ़ में ही वायुसेना में शामिल हुआ था।
62 साल की सेवा के दौरान मिग-21 ने 1965 के भारत-पाक युद्ध, 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम, 1999 के कारगिल युद्ध और 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाई। यह भारत का पहला सुपरसोनिक जेट था यानी ये आवाज की गति से तेज उड़ सकता है। अब इसकी जगह तेजस एलसीए मार्क-1ए को शामिल किया जाएगा।
कुल छह मिग विमान ने आसमान में आखिरी बार ताकत दिखाई। सातवीं महिला पायलट स्कवाड्रन लीडर प्रिया शर्मा ने भी मिग 21 उड़ाया। पैंथर फॉरमेशन के सभी विमान एयरबेस पर लौटे। वहीं वायु सेना अध्यक्ष एपी सिंह ने मिग 21 के टेल नंबर 2777 के साथ एयरबेस पर लैंड किया। यह उनकी मिग 21 के साथ अंतिम उड़ान थी।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मिग 21 ने हमेशा बेहतर प्रदर्शन किया है। अपने समय की तकनीक के हिसाब से मिग सबसे बेस्ट था। मिग को लंबे समय तक हमारी वायुसेना का भरोसा मिला। हमारी जिम्मेदारी है कि हम इसकी लिगेसी को सेलिब्रेट करें। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ से मिग का सफर शुरू हुआ था। चंडीगढ़ उस गाैरवशाली पल का गवाह है। मिग को बर्ड ऑफ आल सीजन कहा जाता है, क्योंकि इसने हर समय अपनी उपयोगिता सिद्ध की। रक्षा मंत्री ने कहा कि मिग 21 महज एक विमान नहीं है, यह भारत-रूस संबंधों का प्रमाण है।
थल सेना अध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि मिग-21 की विदाई को लेकर भावुक महसूस कर रहा हूं। यह बहुत ताकतवर था। पूर्व वायुसेना अध्यक्ष बीएस धनोआ ने कहा कि मिग-21 ने वायु सेना को बहुत मजबूत बनाए रखा। इसकी कमी खलेगी, लेकिन समय के साथ-साथ नए जंगी जहाज भी ताकत बढ़ाएंगे। मिग की ताकत का लोहा दुश्मन भी मानता था और आज तक घबराता था
सेवानिवृत्त विंग कमांडर राजीव बत्तीश ने कहा कि मिग-21 की एक बहुत लंबी कहानी है और इतने सारे लोगों का यहां एकत्र होना इस बात का प्रमाण है कि हम सभी इस विमान से जुड़े हुए हैं। जहां तक भारत का संबंध है, लड़ाकू विमान पर उड़ाए गए विमानों की अधिकतम संख्या मिग-21 है। बहुत शक्तिशाली विमान, और ज्यादातर पूर्वी ब्लॉक के देशों ने इसे उड़ाया। यह पश्चिमी क्षेत्र के लिए एक पहेली था। जहां तक उड़ान का सवाल है, मिग-21 एक खूबसूरत मशीन थी, और इसका प्रमाण यह है कि इतने सारे लोग देशभर से विदेशों से अंतिम प्रकाश देखने और अलविदा कहने के लिए आए थे।