केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में राज्य के पूर्ण दर्जे को लेकर लेह में हिंसक प्रदर्शन हो रहा है। इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने लेह में भाजपा कार्यालय में आग लगा दी है। इतना ही नहीं, सीआरपीएफ की गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया।
By: Arvind Mishra
Sep 24, 2025just now
जम्मू। स्टार समाचार वेब
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में राज्य के पूर्ण दर्जे को लेकर लेह में हिंसक प्रदर्शन हो रहा है। इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने लेह में भाजपा कार्यालय में आग लगा दी है। इतना ही नहीं, सीआरपीएफ की गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया। दरअसल, जम्मू-कश्मीर से 5 अगस्त 2019 को धारा 370 हटा दिया गया। इसके बाद इसे दो केंद्रशासित हिस्सों में बांट दिया गया। एक हिस्सा जम्मू-कश्मीर, जहां विधानसभा है और दूसरा हिस्सा लद्दाख, जिसमें लेह और कारगिल शामिल हैं। कुछ साल पहले लद्दाख में एक आंदोलन शुरू हुआ। वहां के लोग पूर्वोत्तर राज्यों की तर्ज पर संविधान की छठी अनुसूची के तहत आदिवासी राज्य का दर्जा देने की मांग करने सड़क पर उतर आए। लद्दाख को अलग राज्य का दर्जा देने के लिए लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसकी अगुवाई इनोवटर और क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक कर रहे हैं। सोनम ने पहले भी लद्दाख में अलग राज्य की मांग को लेकर आयोजित रैलियों में कहा है कि इस हिमालयी क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों पर उद्योगपतियों की नजर है। केंद्रशासित प्रदेश रहने की वजह से इसका दोहन होगा। इसे रोकने का एक ही उपाय है कि इसे आदिवासी राज्य का दर्जा दिया जाए।
लद्दाख में हो रहे विरोध प्रदर्शन के केंद्र में चार मांगें हैं। इनमें पूर्ण राज्य का दर्जा, आदिवासी राज्य का दर्जा, यहां के लोकल को सरकारी नौकरी में आरक्षण मिले और लेह और कारगिल के लिए अलग-अलग लोकसभा सीट हो। वहां के लोग चाहते हैं कि उन्हें ज्यादा अवसर मिले। यही वजह है कि नौकरी में आरक्षण और वहां के स्थानीय लोगों को आदिवासी का दर्जा दिया जाए।
सोनम वांगचुक सहित वहां के लोगों की मांग है कि न सिर्फ अलग राज्य, बल्कि संविधान की छटी अनुसूची के तहत इसे आदिवासी राज्य का दर्जा दिया जाए, क्योंकि अगर ऐसा होता है तो यहां के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन नहीं हो पाएगा।
केंद्र सरकार ने इस मामले पर निर्णय के लिए 6 अक्टूबर की तारीख तय की है, लेकिन प्रदर्शनकारी इससे पहले समाधान की मांग कर रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी नेता ने कहा कि हमारी मांग तत्काल कार्रवाई की है। लद्दाख के लोग अब और इंतजार नहीं कर सकते। कारगिल में आयोजन समिति के सदस्य सज्जाद करगली ने बताया कि आंदोलन के समर्थन में कल गुरुवार को कारगिल पूरी तरह बंद रहेगा।
प्रदर्शनकारी, जिनकी पहचान अंचुक और अंचुक डोल्मा के रूप में हुई है, प्रदर्शन के दौरान बेहोश हो गए। उन्हें पास के एक अस्पताल ले जाया गया। इस घटना से सभा में अशांति फैल गई, जिसके कारण लेह हिल काउंसिल भवन पर पथराव हुआ। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया।