मध्य प्रदेश के रीवा शहर में स्थित संजय गांधी अस्पताल के आपरेशन थिएटर में अचानक आग लगने की घटना सामने आई। इस हादसे में एक नवजात की मौत हो गई। आग लगते ही अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई और मरीजों के परिजन बाहर की ओर भागने लगे।
By: Arvind Mishra
Dec 15, 202510:56 AM

रीवा। स्टार समाचार वेब
मध्य प्रदेश के रीवा शहर में स्थित संजय गांधी अस्पताल के आॅपरेशन थिएटर में अचानक आग लगने की घटना सामने आई। इस हादसे में एक नवजात की मौत हो गई। आग लगते ही अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई और मरीजों के परिजन बाहर की ओर भागने लगे। कर्मचारियों ने तत्काल फायर ब्रिगेड को सूचना दी और एहतियातन संबंधित वार्ड खाली करवाए गए। दरअसल, रीवा के संजय गांधी अस्पताल के गायनी वार्ड में रविवार दोपहर 1 बजे आग लग गई। आग आॅपरेशन थिएटर में लगी थी। इस घटना में एक नवजात बच्चा जल गया। आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने इस संवेदनशील घटना को दिनभर छिपाए रखा। परिजनों को उसका शव तक नहीं सौंपा। रात 12 बजे अस्पताल प्रशासन ने नवजात के शव के जलने की पुष्टि की।
अस्पताल अधीक्षक ने डाला पर्दा
वहीं अस्पताल अधीक्षक राहुल मिश्रा ने बताया कि नवजात बच्चा आॅपरेशन के दौरान मृत पैदा हुआ था। उसी समय ओपीडी क्षेत्र में आग लग गई, जिससे पूरे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। मरीजों को सुरक्षित निकालने की प्राथमिकता में आॅपरेशन थिएटर में रखा नवजात का शव वहीं छूट गया, जो आग की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गया।
आधी रात सच्चाई उजागर
गोविंदगढ़ के गहरा गांव की निवासी कंचन साकेत का आपरेशन किया गया था। परिजनों का आरोप है कि घटना के बाद अस्पताल प्रशासन ने अपनी लापरवाही छिपाने की कोशिश की और बच्चे के शव को चादर में छिपाकर ले जाया गया। जब मामला सामने आया और उच्च स्तर तक पहुंचा, तब देर रात सच्चाई उजागर हुई।
डिप्टी सीएम बोले- बच्चे की जानकारी नहीं दी

इधर, डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें केवल आग लगने की सूचना दी थी। नवजात के शव के जलने की जानकारी नहीं दी गई। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी और जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। खास बात यह है कि संजय गांधी अस्पताल के पास फायर एनओसी नहीं होने की जानकारी डिप्टी सीएम तक को थी। इसके बावजूद समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस लापरवाही ने अस्पताल प्रबंधन की भूमिका को और संदिग्ध बना दिया है। घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। आग लगने के कारणों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
अस्पतालों की सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। संजय गांधी अस्पताल, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और गांधी स्मारक अस्पताल इन तीनों के पास फिलहाल फायर एनओसी नहीं है। ये तीनों ही अस्पताल नगर निगम के फायर सेफ्टी मानकों को पूरा नहीं करते हैं।