मध्यप्रदेश का स्वास्थ विभाग एक बार फिर सुर्खियों में है। जिम्मेदारों की उदासीनता के कारण गुना में एक मरीज की मौत हो गई। गुना में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। लेकिन अस्पताल प्रबंधन अपनी बदहाली के आंसू रो रहा है।
By: Arvind Mishra
Nov 03, 202510:29 AM
गुना। स्टार समाचार वेब
मध्यप्रदेश का स्वास्थ विभाग एक बार फिर सुर्खियों में है। जिम्मेदारों की उदासीनता के कारण गुना में एक मरीज की मौत हो गई। गुना में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। लेकिन अस्पताल प्रबंधन अपनी बदहाली के आंसू रो रहा है। यहां सबसे हैरानी की बात यह है कि आईएसओ सर्टिफिकेट वाला सरकारी अस्पताल व्यवस्थाओं के अभाव में पंचर हो गया है। दरअसल, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय क्षेत्र गुना में एक मरीज सिस्टम की लापरवाही की भेंट चढ़ गया। एंबुलेंस का टायर पंचर होने का खामियाजा मरीज को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा। ब्लड प्रेशर और सीने में दर्द होने के बाद जगदीश ओझा (65) को म्याना स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल रेफर किया गया था, लेकिन सरकारी एंबुलेंस बीच रास्ते में ही नेशनल हाईवे पर पंचर हो गई। हद तो उस वक्त हो गई जब एंबुलेंस में टायर बदलने के लिए विकल्प के तौर पर स्टेपनी ही नहीं थी। पंचर होने के बाद एंबुलेंस 1 घंटे तक सड़क के किनारे खड़ी रही। इस बीच मरीज की हालत खराब हो गई और उन्होंने दम तोड़ दिया। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण एक व्यक्ति की जान चली गई।
एंबुलेंस में नहीं थी स्टेपनी
एंबुलेंस( सीजी 04 एन यू 5288) के चालक ने बताया कि वह पहली बार इस एंबुलेंस पर आया है। उसे पता ही नहीं था कि गाड़ी में स्टेपनी है या नहीं। केवल प्वाइंट मिला था कि मरीज को लेकर म्याना से जिला अस्पताल में भर्ती कराना है, इसलिए म्याना पहुंचा था, लेकिन बीच रास्ते में एंबुलेंस पंचर हो गई।
दस किमी बाद ही पंचर
मृतक जगदीश ओझा के बेटे ने बताया, पिता को सीने में दर्द हुआ था। तबीयत बिगड़ रही थी, इसलिए एंबुलेंस को बुलाया था, लेकिन एंबुलेंस 45 मिनट बाद म्याना पहुंची। पिता को एंबुलेंस में जिला अस्पताल के लिए रवाना किया गया, लेकिन 10 किमी बाद ही एंबुलेंस का टायर पंचर हो गया। दूसरे वाहन की व्यवस्था करने में देर हो गई, जब पिता को अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
कलेक्टर तक पहुंची शिकायत

जगदीश ओझा की मौत से नाराज कांग्रेस के विधायक ऋषि अग्रवाल ने सवाल खड़े करते हुए कलेक्टर से शिकायत की है। जगदीश ओझा के शव के पास खड़े होकर विधायक ने कलेक्टर से फोन पर चर्चा की और सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए स्वास्थ्य विभाग पर को कठघरे में खड़ा किया। विधायक ने आरोप लगाया है कि एंबुलेंस की आड़ में प्रदेश में 600 करोड़ से ज्यादा का भ्रष्टाचार किया गया है, जिसकी जांच होनी चाहिए।
बैकफुट पर आया प्रशासन
जगदीश ओझा की मौत के बाद से प्रशासन भी बैकफुट पर है। जिला अस्पताल पहुंचे तहसीलदार गौरीशंकर बैरवा ने बताया कि इस मामले में जांच समिति गठित करते हुए रिपोर्ट तलब की है। इससे पहले एक महीने पहले भी सरकारी एंबुलेंस में आॅक्सीजन खत्म होने के कारण एक बच्ची की जान चली गई थी।