मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नशामुक्त भारत अभियान के माध्यम से लोगों को नशे से दूर करने का संकल्प लिया है। पीएम के संकल्प को सफल बनाने के लिए मध्यप्रदेश में नशामुक्ति अभियान का क्रियान्वयन हो रहा है।
By: Arvind Mishra
Oct 07, 2025just now
भोपाल। स्टार समाचार वेब
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नशामुक्त भारत अभियान के माध्यम से लोगों को नशे से दूर करने का संकल्प लिया है। पीएम के संकल्प को सफल बनाने के लिए मध्यप्रदेश में नशामुक्ति अभियान का क्रियान्वयन हो रहा है। प्रदेश के 19 धार्मिक नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में मदिरा की दुकानों और बार का संचालन प्रतिबंधित किया गया है। इसके साथ ही महिलाओं की सुरक्षा और सामाजिक जनजीवन में बाधा बनने वाले शराब दुकानों के अहाते बंद कर दिए जाएंगे। मध्यप्रदेश नशामुक्त भारत अभियान के क्रियान्वयन में अग्रणी प्रदेश है। दरअसल, सीएम सोमवार को देर शाम मुख्यमंत्री निवास से बड़वानी में जिले 60 करोड़ रुपए की लागत के निर्माण कार्यों का वर्चुयली उद्घाटन और शिलान्यास किया। इनमें 23 करोड़ लागत के दो विकास कार्य शामिल हैं। ग्राम पाटी में गोई नदी पर 19 करोड़ की लागत से उच्च स्तरीय पुल और पाटी में 4 करोड़ की लागत से जनजातीय सीनियर उत्कृष्ट बालक छात्रावास का निर्माण हुआ है। साथ ही 37 करोड़ की लागत से सिलावाद-पाटी मार्ग के उन्नयन सहित 7 विकास कार्यों का शिलान्यास किया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि शिवपंथ सत्संग मेला बड़वानी के जनजातीय समुदाय का प्रमुख आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जो गुरु शिष्य परंपरा, आध्यात्मिक परंपरा और सामाजिक जागरुकता को बढ़ाने का प्रतीक है। शिवपंथ समुदाय की सहभागिता से नशामुक्ति और शिक्षा के क्षेत्र में अहम कार्य हो रहा है। यह समुदाय प्रकृति का संरक्षण भी है।
सीएम ने कहा- युवाओं और महिलाओं को जोड़कर जनजातीय क्षेत्रों में नशामुक्ति अभियान संचालित है जिसमें मध्यप्रदेश सहित महाराष्ट्र के कई गुरुजन सत्संग और नशामुक्ति शिविर के माध्यम से योगदान दे रहे हैं। राज्य सरकार और समाज की सहभागिता से ऐसे कार्य भी संभव हो जाते हैं जिन्हें असंभव माना गया है। आने वाली पीढ़ियों को सार्थक जीवन के लिए तैयार करने में यह अभियान महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि किसानों की मेहनत का सम्मान दिलाने के लिए उन्हें हर हाल में सोयाबीन फसल का उचित दाम दिलाया जाएगा। भावान्तर योजना के अंतर्गत किसानों का पंजीयन 17 अक्टूबर 2025 तक जारी रहेगा। फसल बिक्री के 15 दिन के भीतर भाव में अंतर की राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में अंतरित कर दी जाएगी।