हफ्ते के चौथे कारोबारी दिन यानी शेयर बाजार लाल निशान पर खुला। शेयर बाजार में बीते कुछ दिनों से जारी तेजी पर अचानक गुरुवार को ब्रेक लग गया। सेंसेक्स-निफ्टी दोनों इंडेक्स तेज गिरावट के साथ ओपन हुए, जबकि अमेरिका में रेट कट के बाद इनमें तेजी की उम्मीद जताई जा रही थी।
By: Arvind Mishra
Oct 30, 202510:39 AM
मुंबई। स्टार समाचार वेब
हफ्ते के चौथे कारोबारी दिन यानी शेयर बाजार लाल निशान पर खुला। शेयर बाजार में बीते कुछ दिनों से जारी तेजी पर अचानक गुरुवार को ब्रेक लग गया। सेंसेक्स-निफ्टी दोनों इंडेक्स तेज गिरावट के साथ ओपन हुए, जबकि अमेरिका में रेट कट के बाद इनमें तेजी की उम्मीद जताई जा रही थी। दरअसल, अमेरिका में फेडरल रिजर्व ने बुधवार को बड़ा फैसला लेते हुए पॉलिसी रेट में इस साल की लगातार दूसरी कटौती की। इसके बाद जहां तमाम एशियाई बाजारों में तेजी देखने को मिली, तो निफ्टी भी ग्रीन जोन में कारोबार करता नजर आया। ऐसे उम्मीद जताई जा रही थी कि भारतीय बाजार में भी तेज शुरुआत हो सकती है, लेकिन हुआ इसका विपरीत। सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को सेंसेक्स-निफ्टी दोनों इंडेक्स खुलते ही धड़ाम हो गए। इस दौरान रिलायंस, एयरटेल से लेकर टाटा स्टील तक दिग्गज कंपनियों के शेयर रेड जोन में कारोबार करते दिखे।
शेयर मार्केट में कारोबार की शुरुआत होने पर बीएसई का सेंसेक्स अपने पिछले बंद 84,997.13 की तुलना में टूटकर 84,750.90 के लेवल पर ओपन हुआ और फिर अचानक 450 अंक तक फिसलकर 84,547 पर ट्रेड करने लगा। दूसरी ओर एनएसई का निफ्टी भी सेंसेक्स की चाल से चाल मिलकार आगे बढ़ता दिखा। इस इंडेक्स ने अपने पिछले बंद 26,053.90 की तुलना में मामूली गिरावट लेकर 25,984 पर ट्रेड की शुरुआत की और फिर ये भी 140 अंक गिरकर 25,910 पर कारोबार करता नजर आया।
शेयर बाजार में गिरावट के बीच बीएसई लार्जकैप में शामिल 30 में से 29 शेयर लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे। सबसे ज्यादा टूटने वाले 10 शेयरों की बात करें, तो इस कैटेगरी में जहां सन फार्मा शेयर (1.62 प्रतिशत), भारतीय एयरटेल (1.40 प्रतिशत), टाटा स्टील (1.10 प्रतिशत) फिसला, तो मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंश का शेयर भी गिरावट में ट्रेड कर रहा था।
अमेरिका में होने वाली किसी भी वित्तीय हलचल का असर भारतीय शेयर बाजार पर दिखता रहा है। बीते कारोबारी दिन अमेरिका में यूएस फीड ने ब्याज दरों में कटौती का एलान किया था और इसे 25 बेसिस पॉइंट या 0.25 फीसदी घटाया था। इसके बाद अब अमेरिका में ब्याज दरें 3.75 फीसदी से 4 प्रतिशत के दायरे में आ गई हैं। इससे पहले सितंबर में भी अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने दरें इतनी ही घटाई गई थीं।
एक ओर जहां सेंसेक्स-निफ्टी में गिरावट के चलते तमाम दिग्गज कंपनियों के शेयर रेड जोन में कारोबार करते हुए नजर आए, तो वहीं दूसरी ओर कुछ स्टॉक्स ऐसे भी थे, जिन पर इस गिरावट का असर नहीं दिखा और वे दौड़ लगाते दिखे। इनमें लार्जकैप में एकमात्र एलटी शेयर (2.50 फीसदी) की उछाल के साथ कारोबार कर रहा था, जबकि मिडकैप में पॉलिसी बाजार शेयर (5.30 प्रतिशत), भेल शेयर (2 फीसदी) की बढ़त लेकर ट्रेड कर रहा था।