रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि 'यह कदम मुक्त व्यापार के उन सिद्धांतों का ही उल्लंघन है, जिसकी वकालत पश्चिमी देश ही करते थे। अब संरक्षणवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है और मनमाने तरीके से टैरिफ और प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं।'
By: Sandeep malviya
Aug 05, 2025just now
मॉस्को । रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए अमेरिका द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया गया है। अब सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ की दर बढ़ाने की धमकी दी। अब इस पर रूस की सरकार का बयान भी आ गया है। रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने अमेरिका द्वारा रूस के सहयोगी देशों पर लगाए जा रहे टैरिफ और प्रतिबंधों की तीखी आलोचना की। रूसी विदेश मंत्रालय ने इसे नव-उपनिवेशवादी एजेंडा करार दिया है। उन्होंने कहा कि राजनीति के चलते आर्थिक दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है।
'अमेरिका अपने घटते प्रभुत्व को स्वीकार नहीं कर पा रहा'
जब मारिया जाखारोवा से पूछा गया कि अमेरिका ने वैश्विक दक्षिण के रूस के सहयोगी देशों पर टैरिफ दर बढ़ा दी है तो अमेरिका की इस नीति को आप कैसे देखते हैं? इस पर मारिया जाखारोवा ने कहा कि 'दुर्भाग्य से प्रतिबंध आज के समय की हकीकत है, जिसका असर पूरी दुनिया के देशों पर पड़ा है। अमेरिका अपने घटते प्रभुत्व को स्वीकार नहीं कर पा रहा है और अब दुनिया में बहुपक्षीय अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था उभर रही है, लेकिन इसके बावजूद अमेरिका नव-उपनिवेशवाद एजेंडा चला रहा है। राजनीति से प्रेरित होकर उन देशों पर आर्थिक दबाव बना रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्वतंत्र होकर फैसले ले रहे हैं।'
'वैश्विक विकास धीमा होने का खतरा'
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि 'यह कदम मुक्त व्यापार के उन सिद्धांतों का ही उल्लंघन है, जिसकी वकालत पश्चिमी देश ही करते थे। अब संरक्षणवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है और मनमाने तरीके से टैरिफ और प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। लैटिन अमेरिका में हमारे रणनीतिक साझेदार देश ब्राजील इस नीति का प्रमुख पीड़ित है। अमेरिका की यह कार्रवाई दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में दखल की कोशिश है। इन चिंताओं के अलावा वैश्विक आर्थिक विकास के भी धीमा होने, आपूर्ति श्रृंख्ला के बाधित होने का भी खतरा है।'
'इतिहास के घटनाक्रम को नहीं बदला जा सकता'
रूस ने कहा कि 'हमारा विश्वास है कि कोई भी टैरिफ युद्ध या प्रतिबंध इतिहास के प्राकृतिक घटनाक्रम को नहीं रोक सकता। हम हमारे सहयोगियों, समान विचारधारा वाले देशों और खासकर वैश्विक दक्षिण के अपने सहयोगी देशों का समर्थन करते हैं और इनसे ऊपर हम ब्रिक्स का समर्थन करते हैं।' रूस ने ये भी कहा कि हम अपने सहयोगी देशों के साथ सहयोग को बढ़ाने के लिए तैयार हैं ताकि बहुपक्षीय, समान अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने में मदद की जा सके।