By: Arvind Mishra
Nov 19, 202510:33 AM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
अल फलाह समूह के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी को दिल्ली की एक अदालत ने 13 दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है। कोर्ट ने रिमांड आदेश में कहा गया है कि यह मानने के लिए उचित आधार मौजूद हैं कि उन्होंने बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी, जाली मान्यता दावों और अल-फलाह विश्वविद्यालय के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध को अंजाम दिया है। अदालत ने माना कि जांच प्रारंभिक चरण में है, लेकिन वित्तीय अपराध गंभीर हैं। अपराध की जांच और सबूतों को नष्ट होने से बचाने के लिए सिद्दीकी को हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है। दरअसल, साकेत कोर्ट की एडिशनल सेशन जज शीतल चौधरी प्रधान के घर में रात 11:00 बजे अल फलाह विवि के संस्थापक को पेश किया गया। रिमांड आदेश में अदालत ने कहा है कि सिद्दीकी के खिलाफ बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी, फर्जी मान्यता दावे करने और अल-फलाह विश्वविद्यालय से प्राप्त धन को अन्यत्र हस्तांतरित करने से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध का संलिप्त होने के पर्याप्त आधार मौजूद हैं।
ईडी ने सिद्दीकी को कल देर रात पीएमएलए की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने अदालत को बताया कि जांच प्रारंभिक चरण में है और हिरासत में पूछताछ जरूरी है ताकि अपराध की आगे की कड़ियों का पता लगाया जा सके, अपराध से अर्जित संपत्तियों को नष्ट होने से रोका जा सके, गवाहों पर दबाव बनाने या सबूत नष्ट करने की संभावना को खत्म किया जा सके।
अदालत के समक्ष प्रस्तुत वित्तीय विश्लेषण के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2024-25 के बीच अल-फलाह संस्थान ने शिक्षा शुल्क आदि से लगभग 415.10 करोड़ रुपए की आय अर्जित की। ईडी का दावा है कि यह राशि अपराध से प्राप्त आय है, क्योंकि इस अवधि में विवि ने अपनी मान्यता और वैधानिक स्थिति को जनता के समक्ष गलत तरीके से प्रस्तुत किया था।