प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण गोवा के श्री संस्थान गोकर्ण जीवोत्तम मठ में भगवान राम की 77 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने मठ के 550वें वर्ष के जश्न में भाग लिया और 'विकसित भारत' के लिए लोगों की एकता को महत्वपूर्ण बताया।
By: Ajay Tiwari
Nov 28, 20256:27 PM
गोवा. स्टार समाचार वेब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण गोवा जिले के ऐतिहासिक श्री संस्थान गोकर्ण जीवोत्तम मठ में भगवान राम की 77 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया। यह आयोजन मठ के 550वें वर्ष के भव्य उत्सव, 'सार्ध पंचशतामनोत्सव' के अवसर पर हुआ। प्रतिमा का अनावरण करने के बाद, प्रधानमंत्री ने परंपरा के अनुसार मठ में पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने रामायण थीम पार्क गार्डन का उद्घाटन भी किया। उन्होंने एक विशेष डाक टिकट और स्मारक सिक्का भी जारी किया, जिसके बाद उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित विशाल जनसमूह को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में 'विकसित भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लोगों की एकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश इस समय सांस्कृतिक पुनर्जागरण के दौर से गुजर रहा है, जिसके उदाहरण अयोध्या में राम मंदिर, काशी विश्वनाथ धाम और उज्जैन महाकाल महालोक जैसे तीर्थस्थल हैं। उन्होंने 550 साल पुराने श्री संस्थान गोकर्ण जीवोत्तम मठ के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि संस्था ने अनेक कठिन समयों से गुजरने के बावजूद समाज को निरंतर दिशा दी है।
पीएम मोदी ने मठ की प्रशंसा करते हुए कहा कि बदलते समय और चुनौतियों के बीच भी इस मठ ने अपनी दिशा नहीं खोई। उन्होंने कहा, "यह 'मठ' लोगों को दिशा देने वाला केंद्र बनकर उभरा है। यही इसकी पहचान है। यह मठ समय के साथ स्वयं को बदलता रहा है।" उन्होंने अयोध्या में हाल ही में राम मंदिर पर धर्म ध्वज फहराने के अनुभव को साझा करते हुए कहा, "तीन दिन पहले मुझे अयोध्या में राम मंदिर के ऊपर धर्म ध्वज फहराने का सौभाग्य मिला, और आज यहां भगवान राम की 77 फुट ऊंची कांस्य की मूर्ति स्थापित की गई।"
प्रधानमंत्री ने इस मठ की सबसे बड़ी खासियत सेवा की भावना को बताया, जिसने सदियों से समाज के हर तबके का साथ दिया है। उन्होंने याद किया कि सदियों पहले जब इस क्षेत्र में कठिनाइयाँ आईं और लोगों को विस्थापित होना पड़ा, तब इस मठ ने समुदाय का साथ दिया, नई जगहों पर मंदिर और शेल्टर स्थापित किए। मोदी ने कहा कि मठ ने न केवल धर्म, बल्कि इंसानियत और संस्कृति की भी रक्षा की। समय के साथ, मठ की सेवा का दायरा शिक्षा, हॉस्टल, बुजुर्गों की देखभाल और जरूरतमंद परिवारों की मदद तक बढ़ गया है। पीएम मोदी ने कहा कि यह मठ मूल्यों को बनाए रखने की नींव का पत्थर रहा है, जो आने वाली पीढ़ियों को भी ऊर्जा देता रहेगा।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि गोवा के मंदिरों और पारंपरिक परंपराओं को कई बार चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन इन घटनाओं ने समाज की भावना को कमजोर नहीं किया। उन्होंने कहा कि गोवा की संस्कृति ने सभी बदलावों के बावजूद अपनी एकता बनाए रखी है और समय के साथ वह पुनर्जीवित भी हुई है। भारत के सबसे पुराने मठों में से एक, श्री संस्थान गोकर्ण परतगली जीवोत्तम मठ, सारस्वत समुदाय में अपने आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक योगदान के लिए विशेष स्थान रखता है। इस समारोह में प्रधानमंत्री मोदी के साथ गोवा के राज्यपाल अशोक गजपति राजू और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी मौजूद रहे।