प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुजरात के भावनगर में भव्य रोडशो के साथ अपने दौरे की शुरुआत की। हजारों लोगों के स्वागत के बीच पीएम ने गांधी मैदान पहुंचे। जहां उन्होंने 34,200 करोड़ की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इनमें समुद्र से समृद्धि जैसी योजनाएं शामिल हैं।
By: Arvind Mishra
Sep 20, 20251:15 PM
अहमदाबाद। स्टार समाचार वेब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुजरात के भावनगर में भव्य रोड शो के साथ अपने दौरे की शुरुआत की। हजारों लोगों के स्वागत के बीच पीएम ने गांधी मैदान पहुंचे। जहां उन्होंने 34,200 करोड़ की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इनमें समुद्र से समृद्धि जैसी योजनाएं शामिल हैं। पीएम मोदी ने कहा कि विश्व कर्मा जयंती से लेकर गांधी जयंती तक यानी 17 सितंबर से लेकर दो अक्टूबर तक पूरे देश में लाखों लोग सेवा पखवाड़ा मना रहे हैं। सैकड़ों जगहों पर रक्तदान केंद्र बनाया गया है। जहां लाखों लोग अपना रक्तदान कर चुके हैं। पीएम मोदी ने कहा-हमारे भावनगर ने आज रंग जमा दिया। सभी जगह सिर्फ मानव समुद्र ही दिख रहा है। इतनी बड़ी संख्या में सब आए, इसके लिए मैं आपका आभारी हूं। ये कार्यक्रम भावनगर में हो रहा है, लेकिन यह पूरे देश का कार्यक्रम है।
पीएम मोदी ने कहा कि समुद्र से समृद्धि की हमारी दिशा क्या है, इसे समझाने के लिए भावनगर को चुना गया है। 17 सितंबर को आपने अपने नरेंद्र भाई को जो शुभकामनाएं भेजी हैं, और देश-दुनिया से जो प्यार और आशीर्वाद मिला है, वह मेरी असली संपत्ति और ताकत है। इसलिए आज मैं सार्वजनिक रूप से इन शुभेच्छाओं के लिए आपका हृदय से धन्यवाद करता हूं।
पीएम ने कहा-आज मैं भावनगर के राजा कृष्णकुमारसिंह को याद करता हूं, जिन्होंने सरदार पटेल के एक भारत के संकल्प में सबसे पहले योगदान दिया। नवरात्र का पावन पर्व शुरू होने वाला है। जीएसटी में कमी से बाजार में रौनक बढ़ने वाली है। भावनगर के लोगों से माफी चाहता हूं कि मुझे हिंदी में बोलना पड़ रहा है, क्योंकि देशभर के लोग इस कार्यक्रम से जुड़े हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा-आज हजारों करोड़ के विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया। मुंबई के अंतरराष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल का लोकार्पण भी यहीं से हुआ। भारत आज विश्वबंधु की भावना से आगे बढ़ रहा है। दुनिया में हमारा कोई बड़ा दुश्मन नहीं है। अगर कोई दुश्मन है तो वह है हमारी दूसरे देशों पर निर्भरता। हमें मिलकर इस दुश्मन को हराना है, क्योंकि जितनी ज्यादा विदेशी निर्भरता होगी, उतनी ज्यादा देश की विफलता होगी।
पीएम मोदी ने कहा कि विकसित भारत के लिए हमे सभी क्षेत्रों में एकसाथ काम करना होगा और अब हम जब जानते है कि विकसित भारत का रास्ता आत्मनिर्भर भारत सो होकर गुजरता है। इसलिए हमें याद रखना है कि हम जो भी खरीदे स्वदेशी खरीदे, हम जो भी बेचे वो स्वदेशी हो। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मैं सभी दुकानदारों से आग्रह करता हूं कि आप अपनी दुकानों पर एक पोस्टक लगाए, जिसमें लिखा हो कि गर्व से कहो ये स्वदेशी है।
मोदी ने कहा कि दुनिया की शांति के लिए, दुनिया की सबसे बड़ी जनसंख्या वाले देश को आत्मनिर्भर बनना ही होगा। 140 करोड़ देशवासियों के भविष्य को हम दूसरों पर या उनकी निर्भरता पर नहीं छोड़ सकते। भावी पीढ़ी के भविष्य को दांव पर नहीं लगाया जा सकता। 100 दु:खों की एक ही दवा है और वह है आत्मनिर्भर भारत। इसलिए हमें चुनौतियों से टकराना होगा और भारत को आत्मनिर्भर बनकर दुनिया के सामने खड़ा होना होगा।
भारत में सामर्थ्य की कोई कमी नहीं है, लेकिन आजादी के बाद कांग्रेस ने देश की क्षमताओं को नजरअंदाज कर दिया। आजादी के 6-7 दशक बीत जाने के बाद भी भारत वह सफलता हासिल नहीं कर पाया, जिसका वह हकदार था। पीएम ने इसके दो मुख्य कारण बताए। पहला-कांग्रेस ने लंबे समय तक देश को लाइसेंस-कोटा राज में उलझाए रखा और वैश्विक बाजारों से अलग-थलग किया। दूसरा-जब वैश्वीकरण का दौर आया, तो सिर्फ आयात का रास्ता अपनाया गया और घोटालों का सिलसिला शुरू हुआ।
कांग्रेस की नीतियों ने देश के युवाओं का सबसे ज्यादा नुकसान किया और भारत की असली ताकत को सामने नहीं आने दिया। कांग्रेस की कुनीतियों का शिकार होकर शिपिंग सेक्टर बर्बाद हो गया। विदेशी जहाजों पर निर्भरता बढ़ाई गई और शिप बिल्डिंग बंद हो गया। नतीजा यह हुआ कि 50 साल पहले जहां 40 फीसदी व्यापार भारत में बने जहाजों से होता था, वह घटकर केवल 5 प्रतिशत रह गया। हमारे व्यापार के लिए हम विदेशी जहाजों पर निर्भर हो गए और उसका देश को बहुत बड़ा नुकसान हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा-2047 तक हमें विकसित होना है तो भारत को आत्मनिर्भर होना ही होगा... इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। 140 करोड़ देशवासियों का एक ही संकल्प होना चाहिए- चिप हो या शिप... हमें भारत में ही बनाने होंगे। इसी सोच के साथ आज भारत समुद्री क्षेत्र भी नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म करने जा रहा है। इसी सोच के साथ वन नेशन, वन डॉक्यूमेंट और वन नेशन, वन पोर्ट प्रोसेस लागू किया जाना है। भारत को सबसे बड़ी समुद्री शक्ति बनाने के लिए तीन बड़ी योजनाओं पर काम चल रहा है और आने वाले वर्षों में इस पर 70 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च किए जाएंगे। देश के समुद्री क्षेत्र को मजबूती देने के लिए एक बहुत ऐतिहासिक निर्णय हुआ है... अब सरकार ने बड़े जहाजों को इंफ्रास्ट्रक्चर के रूप में मान्यता दे दी है।