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चिनफिंग के साथ बैठक में पीएम मोदी का संदेश
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कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू कर दी गई
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नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
पीएम नरेंद्र मोदी इस समय चीन की यात्रा पर हैं। चीन में हो रहे 25वें एससीए शिखर सम्मलेन में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति चिनफिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई। ये बैठक 40 मिनट तक चली। बैठक में रूसी राष्ट्रपति समेत कई बड़े दिग्गज शामिल हुए। चिनफिंग के साथ बैठक के दौरान पीएम मोदी के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी मौजूद रहे। पीएम मोदी ने एससीओ की अध्यक्षता के लिए चीनी राष्ट्रपति को शुभकामनाएं दीं। मोदी ने कहा कि इस बैठक के कारण दोनों देशों के संबंध मजबूत होंगे। पीएम ने इसके साथ ही दुनिया को संदेश दिया कि विश्वास और सम्मान से ही किसी के भी रिश्ते सुधर सकते हैं। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले साल कजान में हमारी बहुत ही उपयोगी चर्चा हुई थी जिससे हमारे संबंधों को सकारात्मक दिशा मिली। सीमा पर सैनिकों की वापसी के बाद शांति और स्थिरता का माहौल बना है। उन्होंने कहा कि सीमा प्रबंधन को लेकर हमारे विशेष प्रतिनिधियों के बीच समझौता हो गया है। कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू कर दी गई है। दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें भी बहाल हो रही हैं।
2.8 अरब लोगों के हित जुड़े
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे सहयोग से दोनों देशों के 2.8 अरब लोगों के हित जुड़े हैं। इससे पूरी मानवता के कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त होगा। हम आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं एससीओ की चीन द्वारा सफल अध्यक्षता के लिए आपको बधाई देता हूं। चीन आने के निमंत्रण और आज हमारी बैठक के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं।
चीन आपसी सहयोग के लिए राजी
इस मुलाकात में राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा कि पीएम मोदी से मिलकर खुशी हुई। उन्होंने आपसी संबंधों की मजबूती पर जोर देते हुए कहा कि कजान में पिछले साल हुई हमारी बैठक सफल रही और भारत-चीन के लिए साथ आना जरूरी है। जिनपिंग ने कहा कि हम आपसी सहयोग के लिए पूरी तरह से राजी हैं। जिनपिंग ने कहा कि दुनिया परिवर्तन की ओर बढ़ रही है। चीन और भारत दो सबसे सभ्य देश हैं। हम दुनिया के दो सबसे ज्यादा आबादी वाले देश हैं और ग्लोबल साउथ का हिस्सा हैं। दोस्त बनना, एक अच्छा पड़ोसी बनना और ड्रैगन और हाथी का एक साथ आना बहुत जरूरी है।
शांति के लिए मिलकर काम करना होगा
चीनी राष्ट्रपति ने कहा-इस साल चीन-भारत राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। दोनों देशों को अपने संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से संभालने की जरूरत है। हमें बहुपक्षवाद, बहुध्रुवीय विश्व और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में लोकतंत्र को बनाए रखने की अपनी ऐतिहासिक जिÞम्मेदारियों को भी पूरा करना होगा। साथ ही एशिया और दुनिया भर में शांति और समृद्धि के लिए मिलकर काम करना होगा।