सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तेलंगाना सरकार के डोमिसाइल नियम को बरकरार रखते हुए बड़ा फैसला सुनाया। इस फैसले के तहत, राज्य कोटे से मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में वही छात्र दाखिला पा सकेंगे, जिन्होंने तेलंगाना में कक्षा-12 तक के अंतिम चार साल पढ़ाई की है। हालांकि, इस मामले की विस्तृत जजमेंट आने बाकी है।
By: Arvind Mishra
Sep 01, 2025just now
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तेलंगाना सरकार के डोमिसाइल नियम को बरकरार रखते हुए बड़ा फैसला सुनाया। इस फैसले के तहत, राज्य कोटे से मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में वही छात्र दाखिला पा सकेंगे, जिन्होंने तेलंगाना में कक्षा-12 तक के अंतिम चार साल पढ़ाई की है। हालांकि, इस मामले की विस्तृत जजमेंट आने बाकी है। सीजेआई बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने राज्य सरकार की अपील को स्वीकार करते हुए तेलंगाना मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज एडमिशन रूल्स, 2017 (जो 2024 में संशोधित हुए थे) को संवैधानिक मानते हुए मंजूरी दी। इससे पहले तेलंगाना हाईकोर्ट ने कहा था कि राज्य के स्थायी निवासी केवल इस वजह से मेडिकल प्रवेश से वंचित नहीं किए जा सकते कि वे कुछ समय के लिए राज्य से बाहर रहे हों। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का यह फैसला पलट दिया और राज्य सरकार के पक्ष में निर्णय सुनाया।
यह फैसला तेलंगाना के हजारों छात्रों के लिए राहत की खबर है। अब मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में राज्य कोटे के तहत सीटें उन्हीं छात्रों को मिलेंगी, जिन्होंने राज्य में लगातार चार साल तक पढ़ाई की हो। राज्य की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और वकील श्रीवन कुमार कर्णम ने पैरवी की थी। अदालत ने 5 अगस्त को इस मामले पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसका निर्णय अब आ चुका है।