फिलीपींस में सुपर टाइफून फंग-वोंग ने तबाही मचाई है। 1,600 किमी तक फैले इस तूफान के कारण 50 हजार से अधिक परिवारों को निकाला गया और लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी दी गई है।
By: Sandeep malviya
Nov 09, 20255:49 PM
मनीला। फिलीपींस हाल के दिनों प्रकृति के दोहरे प्रकोप से जूझ रहा है। हाल ही में आए टाइफून कल्मेगी में 200 से ज्यादा लोगों की मौत के बाद अब सुपर टाइफून फंग-वोंग रविवार को देश के उत्तर-पूर्वी तट से टकराया, जिससे तेज हवाएं और मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। तूफान के कारण बिजली गुल हो गई और एक लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। यह इस साल का सबसे शक्तिशाली तूफान बताया जा रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक, फंग-वोंग की रफ्तार 185 किमी प्रति घंटा तक है, जबकि हवा के झोंके 230 किमी प्रति घंटा तक पहुंच रहे हैं। इसका प्रभाव 1,600 किलोमीटर के दायरे में फैल सकता है यानी यह दक्षिण-पूर्व एशिया के दो-तिहाई हिस्से को प्रभावित कर सकता है।
देशव्यापी आपात स्थिति घोषित
सरकार ने पहले से ही चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि यह तूफान देश के दो-तिहाई हिस्से को अपनी चपेट में ले सकता है। राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने आपातकाल की घोषणा की है। रक्षा मंत्री गिल्बर्टो टियोडोरो जूनियर ने चेतावनी दी कि यह तूफान देश के कई हिस्सों में तबाही मचा सकता है, जिसमें सेबू, औरोरा, इसाबेला और यहां तक कि राजधानी मनीला भी शामिल है। हाल ही में आए ह्यटाइफून कालमागीह्ण से हुई तबाही से देश उबर नहीं पाया है, जिसमें 224 लोगों की मौत हुई थी।
लाखों लोगों को खाली कराए गए इलाके
बिकोल और उत्तर-पूर्वी प्रांतों के तटीय इलाकों से 10 लाख से ज्यादा लोगों को निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। वहीं, सेना और राहत एजेंसियां बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सोमवार और मंगलवार को स्कूल और सरकारी दफ्तर बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। अब तक 300 से अधिक घरेलू और 60 से अधिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द की जा चुकी हैं। 6,000 से ज्यादा लोग बंदरगाहों पर फंसे हुए हैं क्योंकि जहाजों को समुद्र में उतरने की अनुमति नहीं है।
6,600 यात्री और कर्मचारी बंदरगाहों पर फंसे
इस बीच, कई इलाकों में बिजली कटौती, स्कूलों और सरकारी दफ्तरों की बंदी और उड़ानों की रद्दीकरण जैसी आपात स्थितियां घोषित की गई हैं। लगभग 6,600 यात्री और कर्मचारी बंदरगाहों पर फंसे हुए हैं क्योंकि कोस्ट गार्ड ने समुद्र में किसी भी जहाज के जाने पर रोक लगा दी है। फिलीपींस हर साल करीब 20 तूफानों की चपेट में आता है, साथ ही यहां अक्सर भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट भी होते रहते हैं। यह दुनिया के सबसे अधिक आपदा-प्रवण देशों में से एक माना जाता है।