नीदरलैंड के हेग में नाटो सम्मेलन से पहले सैकड़ों लोगों ने सैन्य खर्च और संभावित ईरान युद्ध के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने 'नो ईरान वॉर' के बैनर उठाए और शांति व हरित ऊर्जा में निवेश की मांग की।
By: Sandeep malviya
हेग। नीदरलैंड के हेग में नाटो सम्मेलन से पहले सैकड़ों लोगों ने सैन्य खर्च और संभावित ईरान युद्ध के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने 'नो ईरान वॉर' के बैनर उठाए और शांति व हरित ऊर्जा में निवेश की मांग की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी हमलों की भी कड़ी निंदा की। नीदरलैंड के हेग शहर में मंगलवार से शुरू हो रहे नाटो सम्मेलन से पहले रविवार को सैकड़ों लोगों ने सैन्य खर्च और संभावित ईरान युद्ध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने नाटो, गाजा युद्ध और अमेरिका की तरफ से ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हालिया हमलों का विरोध किया।
ईरानी नागरिकों ने जताई चिंता
इस प्रदर्शन में कई ईरानी नागरिक भी शामिल हुए जिन्होंने नो ईरान वॉर जैसे बैनर उठाए हुए थे। नीदरलैंड में रहने वाले 74 वर्षीय होसैन हमदानी ने कहा कि हम युद्ध के खिलाफ हैं। लोग शांतिपूर्ण जीवन जीना चाहते हैं। पर्यावरण की हालत देखिए, पहले से ही हालात खराब हैं, फिर हम युद्ध पर पैसे क्यों खर्च कर रहे हैं?
बढ़ते सैन्य खर्च पर विवाद
नाटो का यह वार्षिक सम्मेलन 32 देशों के नेताओं को एकजुट करेगा, जहां अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मांग के अनुरूप रक्षा बजट बढ़ाने पर चर्चा होगी। हालांकि, सम्मेलन से ठीक पहले स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने नाटो महासचिव मार्क रुटे को पत्र लिखकर कहा कि जीडीपी का 5% रक्षा पर खर्च करना अनुचित और हानिकारक होगा। वर्तमान में भी कई नाटो देश अपने जीडीपी का कम से कम 2% रक्षा पर खर्च नहीं कर रहे हैं, हालांकि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से कई देशों ने खर्च में इजाफा किया है।
सम्मेलन से पहले सुरक्षा के कड़े इंतजाम
गौरतलब है कि नाटो में होने वाले वार्षित सम्मेलन के दौरान डच इतिहास की सबसे बड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। आरेंज शील्ड नाम के इस आपरेशन में हजारों पुलिसकर्मी, सैन्यकर्मी, ड्रोन, नो-फ्लाई जोन और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ तैनात किए गए हैं।