भारतीय रिजर्व बैंक की एमपीसी बैठक के नतीजे आ गए हैं। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 29 सितंबर को शुरू हुई बैठक में लिए गए तमाम फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रेपो रेट में इस बार भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। मतलब लोगों के लोन की ईएमआई पर कोई असर नहीं होगा।
By: Arvind Mishra
Oct 01, 202510:51 AM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
भारतीय रिजर्व बैंक की एमपीसी बैठक के नतीजे आ गए हैं। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 29 सितंबर को शुरू हुई बैठक में लिए गए तमाम फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रेपो रेट में इस बार भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। मतलब लोगों के लोन की ईएमआई पर कोई असर नहीं होगा। अगस्त के बाद अब अक्टूबर में भी ब्याज दरों को 5.5 फीसदी पर यथावत रखा गया है, लेकिन आरबीआई ने भारतीय इकोनॉमी को लेकर खुशखबरी दी है। जीडीपी ग्रोथ अनुमान को बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। दरअसल, आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने तीन दिन चली बैठक के बाद इस फैसले की जानकारी दी। आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि अनुकूल मानसून, कम मुद्रास्फीति और मौद्रिक नरमी से आर्थिक वृद्धि की संभावना मजबूत बनी हुई है।
आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी के फैसलों का एलान करते हुए कहा कि जीएसटी को युक्तिसंगत बनाने से महंगाई पर मजबूत असर पड़ेगा। इसके साथ ही साथ ही उपभोग और विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दर को 5.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया। एमपीसी ने मौद्रिक नीति रुख को तटस्थ पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है।
मल्होत्रा ने कहा कि इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में घरेलू आर्थिक गतिविधियां गतिमान बनी रहेंगी। हालांकि उन्होंने आशंका जताई कि टैरिफ संबंधी घटनाक्रम से इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में विकास दर में कमी आ सकती है। मल्होत्रा ने बताया कि जीएसटी और अन्य सुधार आर्थिक विकास पर बाहरी कारकों के प्रभाव को कुछ हद तक कम कर देंगे।
रेपो रेट को स्थिर रखने के ऐलान के साथ आरबीआई ने भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को बढ़ाया है। मल्होत्रा ने ने बताया कि एफवाय 26 के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को पहले के 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया गया है। घरेलू डिमांड में इजाफा, लगातार बढ़ रहे निवेश और स्थिर आर्थिक माहौल के चलते ये बदलाव किया गया है। फाइनेंशियल ईयर 26 के क्यू-2 में अनुमान 6.7 से बढ़ाकर 7 फीसदी किया गया है। क्यू-3 के लिए इसमें कटौती की गई है और पहले के 6.6 से घटाकर 6.4 फीसदी किया गया है और क्यू-4 के लिए भी 6.3 से घटाकर 6.2 फीसदी किया गया।