प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो शो मन की बात का 123वां एपिसोड जारी किया गया। देशवासियों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा-इस बार आप अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की ऊर्जा से भरे हुए हैं। यह 10 साल पहले शुरू हुआ था और आज पूरी दुनिया में छा गया है।
By: Arvind Mishra
Jun 29, 20256 hours ago
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो शो मन की बात का 123वां एपिसोड जारी किया गया। देशवासियों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा-इस बार आप अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की ऊर्जा से भरे हुए हैं। यह 10 साल पहले शुरू हुआ था और आज पूरी दुनिया में छा गया है। योग दिवस की खूबसूरत तस्वीरें देखने को मिलीं। योग अब सशक्तिकरण का जरिया बन गया है। 21 जून को देश और दुनिया भर में लाखों लोगों ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में हिस्सा लिया। इसकी शुरुआत 10 साल पहले हुई थी। इन 10 सालों में हर साल उसकी परंपरा पहले से ज्यादा भव्य होती गई है। यह दर्शाता है कि ज्यादा लोग योग को अपने जीवन में शामिल कर रहे हैं। पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में धार्मिक यात्राओं को लेकर कहा-कैलाश मानसरोवर यात्रा की शुरुआत हुई है। हिंदू, जैन और बौद्ध, हर परंपरा को कैलाश मानसरोवर को पवित्र माना गया है। अभी हमने भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा देखी। ये यात्राएं एक भारत, श्रेष्ठ भारत का प्रतिबिंब हैं।
देशवासियों...जब कोई तीर्थयात्रा पर निकलता है, तो एक ही भाव सबसे पहले मन में आता है-चलो, बुलावा आया है...। यही भाव हमारे धार्मिक यात्राओं की आत्मा है। ये यात्राएं शरीर के अनुशासन का, मन की शुद्धि का, आपसी प्रेम और भाईचारे का, प्रभु से जुड़ने का माध्यम हैं। इनके अलावा, इन यात्राओं का एक और बड़ा पक्ष होता है। ये धार्मिक यात्राएं सेवा के अवसरों का एक महाअभियान भी होती हैं। जब कोई भी यात्रा होती है तो जितने लोग यात्रा पर जाते हैं, उससे ज्यादा लोग तीर्थयात्रियों की सेवा के काम में जुटते हैं। अभी कुछ दिन पहले हमने भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा भी देखी है। ओडिशा हो, गुजरात हो, या देश का कोई और कोना, लाखों श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल होते हैं। उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम, ये यात्राएं एक भारत-श्रेष्ठ भारत के भाव का प्रतिबिंब है। जब हम सच्चे मन से यात्रा करते हैं मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और जो लोग इन यात्राओं में सेवाभाव से जुटे हैं, उन्हें भी साधुवाद देता हूं।
पीएम मोदी ने कहा-आपातकाल लगाने वालों ने ना सिर्फ हमारे संविधान की हत्या की बल्कि उनका इरादा न्यायपालिका को भी अपना गुलाम बनाए रखने का था। इस दौरान लोगों को बड़े पैमाने पर प्रताड़ित किया गया था। ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जिन्हें कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। आखिरकार, जनता-जनार्दन की जीत हुई — आपातकाल हट लिया गया और आपातकाल थोपने वाले हार गए। बाबू जगजीवन राम ने इस बारे में बहुत ही सशक्त तरीके से अपनी बात रखी थी। जॉर्ज फर्नांडिस साहब को जंजीरों में बांधा गया। अनेक लोगों को कठोर यातनाएं दी गईं। मीसा के तहत किसी को भी गिरफ्तार कर लिया जाता था। छात्रों को भी परेशान किया गया। अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटा गया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को ट्रेकोमा मुक्त घोषित कर दिया है। ये लाखों लोगों की मेहनत का फल है। जिन्होंने बिना तके, बिना रुके बीमारी के खिलाफ लड़ाई लड़ी। ये सफलता हमारे हेल्थ कर्मियों की है। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन आईएलओ की रिपोर्ट आई है, जिसमें बताया गया है कि भारत की 64 प्रतिशत से ज्यादा आबादी को अब कोई न कोई सामाजिक सुरक्षा लाभ मिल रहा है। आज देश के 95 करोड़ लोग किसी न किसी सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ ले रहे हैं। साल 2015 तक ये आंकड़ा 25 करोड़ था।
असम के बोडोलैंड पर बात करते हुए पीएम ने कहा-बोडोलैंड आज अपने एक नए रूप के साथ देश के सामने खड़ा है। यहां के युवाओं में जो ऊर्जा है, जो आत्मविश्वास है, वो फुटबॉल के मैदान में सबसे ज्यादा दिखता है। बोडोलैंड सीईएम कप का आयोजन हो रहा है। ये सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं है, ये एकता और उम्मीद का उत्सव बन गया है। तीन हजार 700 से ज्यादा टीमें, करीब 70 हजार खिलाड़ी, और उनमें भी बड़ी संख्या में हमारी बेटियों की भागीदारी। ये आंकड़े बोडोलैंड में बड़े बदलाव की गाथा सुना रहे हैं। बोडोलैंड अब देश के खेल नक्शे पर अपनी चमक और बढ़ा रहा है।
मेघालय का एरी सिल्क को कुछ दिन पहले ही जीआई टैग मिला है। एरी सिल्क मेघालय की एक धरोहर है। यहां की जनजातियां खासकर खासी समाज के लोगों ने पीढ़ियों से इसे सहेजा है और समृद्ध भी किया है। इस सिल्क को रेशम के कीड़े बनाते हैं और उसे हासिल करने के लिए कीड़ों को मारा नहीं जाता, इसलिए इसे अहिंसा सिल्क भी कहते हैं। मेघालय का एरी सिल्क वैश्विक बाजार के लिए शानदार उत्पाद है। ये सिल्क सर्दी में गरम करता है और गर्मियों में ठंडक देता है।
पीएम मोदी ने कहा-पिछले महीने भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को भारत से वियतनाम ले जाया गया था। भारत की ये पहल वियतनाम के लिए राष्ट्रीय उत्सव बन गई है। वियतनाम के राष्ट्रपति, उप-प्रधानमंत्री, वरिष्ठ मंत्री हर कोई नतमस्तक था। भगवान बुद्ध के विचारों में वो शक्ति है, जो देशों, संस्कृतियों और लोगों को एक सूत्र में बांधती है। इससे पहले भगवान बुद्ध के अवशेष थाईलैंड, मंगोलिया भी ले जाए गए थे।
पीएम ने कहा-हमने इस महीने विश्व पर्यावरण दिवस मनाया। कई लोगों ने अपने आस पास के उन साथियों के बारे में बताया जो अकेले ही पर्यावरण बचाने निकल गए। पुणे के रमेश खरमाडे जी जुन्नर की पहाड़ियों की ओर निकल पड़ते हैं। वे झाड़ियां साफ करते हैं और पानी रोकने के लिए ट्रेंच बनाते हैं। नतीजा यह हुआ कि यहां वन्य जीवन को नई सांसे मिल ही हैं।