ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी एमआई6 के प्रमुख रिचर्ड मूर ने इस्तांबुल में विदाई भाषण में रूस, चीन और ईरान को पश्चिम के लिए बड़ा खतरा बताया। उन्होंने यूक्रेन युद्ध में चीन और ईरान की भूमिका पर चिंता जताई और ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अस्थिर करने वाला कदम कहा।
By: Sandeep malviya
इस्तांबुल। ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी एमआई6 के प्रमुख रिचर्ड मूर ने इस्तांबुल में विदाई भाषण में रूस, चीन और ईरान को पश्चिम के लिए बड़ा खतरा बताया। उन्होंने यूक्रेन युद्ध में चीन और ईरान की भूमिका पर चिंता जताई और ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अस्थिर करने वाला कदम कहा।
ब्रिटेन की विदेशी खुफिया एजेंसी एमआई6 के प्रमुख रिचर्ड मूर ने इस्तांबुल में अपने विदाई भाषण में पश्चिमी दुनिया के सामने मौजूद बड़े खतरों की सूची गिनाई। इस दौरान विदाई भाषण में उन्होंने साफ कहा कि रूस, चीन और ईरान पश्चिमी दुनिया के लिए बड़े खतरे बने हुए हैं। इस्तांबुल में दिए गए इस संबोधन में उन्होंने आतंकवाद, परमाणु संकट और साइबर जासूसी पर भी गंभीर चिंता जताई।
मूर ने अपने भाषण का बड़ा हिस्सा यूक्रेन युद्ध को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि चीन, ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देश रूस की युद्ध मशीन को समर्थन दे रहे हैं। चीन की कूटनीतिक मदद और डुअल यूज इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों व केमिकल की सप्लाई ने पुतिन को शांति की राह अपनाने से रोका है।
चीन को बताया अवसर और खतरा
चीन पर बोलते हुए मूर ने कहा कि ब्रिटेन सम्मानजनक और रचनात्मक रिश्ते चाहता है, लेकिन बीजिंग को तय अंतरराष्ट्रीय नियमों और गैर-हस्तक्षेप के सिद्धांतों का पालन करना होगा। ब्रिटेन पहले भी चीन पर अपने राजनीतिक, रक्षा और कारोबारी अधिकारियों को निशाना बनाने का आरोप लगा चुका है।
ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर चेतावनी
मूर ने कहा कि परमाणु हथियारों से मुक्त ईरान ब्रिटेन की प्राथमिकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि तेहरान अंधाधुंध ऐसी रणनीति अपना रहा है जिससे उसका पूरा इलाका अस्थिर हो रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि 2018 में अमेरिका द्वारा परमाणु समझौते से बाहर निकलने के बाद ईरान ने प्रतिबद्धताएं तोड़कर गतिविधियां तेज कर दीं।
इस्राइल-ईरान टकराव और फलस्तीन संकट
मूर ने कहा कि जून में इस्राइल और ईरान के बीच 12 दिन के युद्ध ने हालात को और खराब किया। इस दौरान इस्राइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए। उन्होंने गाजा में निर्दोष फलस्तीनियों की पीड़ा खत्म करने की अपील भी की और कहा कि शांति तभी संभव है जब ईरान अपनी सोच बदले।
इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा की चुनौती
एमआई6 प्रमुख ने बताया कि आईएसआईएस और अल-कायदा कमजोर जरूर हुए हैं, लेकिन दोबारा खड़ा होने की कोशिश में हैं। वे टेक्नोलॉजी के जरिए हिंसक विचारधारा फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि अच्छे साझेदारी और कट्टरपंथ की जड़ों पर चोट करने वाले नेतृत्व की जरूरत है।