पेरिस के प्रसिद्ध लुव्र संग्रहालय से शाही आभूषणों की चोरी के मामले में कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। पेरिस के अभियोजक ने कहा कि जांचकतार्ओं ने शनिवार शाम ये गिरफ्तारियां कीं।
By: Sandeep malviya
Oct 26, 2025just now
पेरिस। पेरिस के प्रसिद्ध लुव्र संग्रहालय से शाही आभूषणों की चोरी के मामले में कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। पेरिस के अभियोजक ने कहा कि जांचकतार्ओं ने शनिवार शाम ये गिरफ्तारियां कीं। उन्होंने बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों में से एक हवाई अड्डे से देश छोड़ने की तैयारी कर रहा था। घटना पिछले रविवार को हुई थी। घटना सुबह करीब 9:30 बजे की बताई गई थी। उस समय म्यूजियम में भारी संख्या में पर्यटक मौजूद थे। चोरों ने निर्माण स्थल के पास लिफ्ट का इस्तेमाल कर खिड़की तोड़ी, डिस्क कटर से शीशे काटे और सीधे उन शोकेसों तक पहुंचे जहां कीमती गहने रखे थे। उन्होंने डिस्प्ले केस तोड़कर नौ गहनों पर हाथ साफ किया और मोटरसाइकिल पर फरार हो गए।
क्या-क्या हुआ चोरी?
चोरी गए नौ गहनों में सबसे अहम था नेपोलियन तृतीय की पत्नी एम्प्रेस यूजिनी का पन्ना जड़ा ताज। यह सोने, हीरे और नक्काशीदार ईगल से सजा हुआ था। यह ताज संग्रहालय के बाहर टूटी हालत में मिला, जबकि बाकी गहनों का अभी तक कोई सुराग नहीं है।
बास्केट लिफ्ट की मदद से घुसे चोर
फ्रांसीसी दैनिक ले पेरिसियन ने बताया कि अपराधी दुनिया के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले संग्रहालय और पूर्व महल में सीन की ओर मुख वाले हिस्से से घुसे, जहां निर्माण कार्य चल रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने अपोलो गैलरी के कमरे तक सीधे पहुंचने के लिए एक बास्केट लिफ्ट का इस्तेमाल किया। ले पेरिसियन ने कहा कि खिड़कियां तोड़ने के बाद, उन्होंने कथित तौर पर 'नेपोलियन और महारानी के आभूषण संग्रह से नौ आभूषण चुरा लिए।'
सुरक्षा पर उठे सवाल
लूवर में इस तरह की घटना ने सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह वही गैलरी है जहां फ्रांस के ताजपोशी गहनों को प्रदर्शित किया जाता है। इस जगह को खासतौर पर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक माना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, दिनदहाड़े पर्यटकों के बीच इस तरह की चोरी यूरोप में पिछले एक दशक की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक है। यह चोरी ऐसे समय में हुई है जब संग्रहालय के कर्मचारी लगातार स्टाफ की कमी और सुरक्षा में ढिलाई की शिकायत कर रहे हैं। जून में भी कर्मचारियों ने भीड़भाड़ और कम कर्मचारियों के कारण हड़ताल की थी।