अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अक्टूबर से सभी ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं के आयात पर 100 परसेंट टैरिफ लगाया है। इसका असर शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में दिख रहा है। हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई।
By: Arvind Mishra
Sep 26, 202510:52 AM
मुंबई। स्टार समाचार वेब
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अक्टूबर से सभी ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं के आयात पर 100 परसेंट टैरिफ लगाया है। इसका असर शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में दिख रहा है। हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई। बीएसई सेंसेक्स 203.67 अंकों की गिरावट के साथ 80,956.01 पर खुला, जबकि निफ्टी 50 72.3 अंकों की गिरावट के साथ 24,818.55 पर खुला। बीएसई पर सन फार्मा सबसे ज्यादा नुकसान में रहा, उसके बाद बजाज फाइनेंस और एशियन पेंट्स का स्थान रहा। मुनाफे में रहने वालों में लार्सन एंड टुब्रो, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और टाटा स्टील शामिल रहे। निफ्टी मिडकैप 100 में 0.21 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.37 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें, तो निफ्टी फार्मा इंडेक्स में 2 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई। इसके विपरीत, निफ्टी मीडिया और निफ्टी मेटल ही प्रॉफिट में रहे, जिनमें क्रमश: 0.62 परसेंट और 0.28 फीसदी का उछाल आया।
शुक्रवार को एशियाई बाजार भी लाल निशान में खुले। ट्रंप के फर्नीचर, फार्मा प्रोडक्ट्स और भारी ट्रकों पर हाई टैरिफ लगाए जाने के चलते जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 0.28 परसेंट गिरा। दक्षिण कोरिया के कोस्पी इंडेक्स में 1.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। आॅस्ट्रेलिया का एएसएक्स 200 0.3 परसेंट नीचे रहा।
शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी है। फार्मा शेयरों में भारी बिकवाली, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की लगातार निकासी इस गिरावट की बड़ी वजह रहे। वहीं, वैश्विक बाजारों की कमजोरी का असर भी घरेलू बाजार पर देखा गया।
सेंसेक्स समूह में सन फार्मा तीन प्रतिशत से अधिक टूटा। एशियन पेंट्स, टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, पावर ग्रिड, एचसीएल टेक और टाटा स्टील भी गिरावट में रहे। इससे उलट एलएनटी, टाटा मोटर्स, आईटीसी और ट्रेंट के शेयर्स बढ़त में रहे।
एनरिच मनी के सीईओ पोनमुडी आर ने कहा-अमेरिकी ट्रंप प्रशासन द्वारा एक अक्तूबर से ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं पर 100 फीसदी आयात शुल्क लगाने की घोषणा कर चुका है, जिससे घरेलू फार्मा सेक्टर पर निवेशकों की नजर रहेगी। यह कदम हाल ही में एच-1बी वीजा फीस में भारी बढ़ोतरी के बाद आया है, जिसने आईटी सेक्टर के शेयरों में पहले से ही तेज बिकवाली शुरू कर दी है।