मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों से गायब रहने वाले शिक्षकों की अब खैर नहीं है। शिक्षा विभाग इस वर्ष प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों की आनलाइन अटेंडेंस शुरू करने की तैयारी कर ली है।
By: Arvind Mishra
Jun 22, 202510:42 AM
भोपाल। स्टार समाचार बेव
मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों से गायब रहने वाले शिक्षकों की अब खैर नहीं है। शिक्षा विभाग इस वर्ष प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों की आनलाइन अटेंडेंस शुरू करने की तैयारी कर ली है। दरअसल, लगातार आरोप लग रहे थे कि करीब 20 हजार शिक्षक स्कूलों में नहीं जाते। खुद स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने इस बात को स्वीकार किया था कि उनके ही जिले की कई शिक्षक सालों से स्कूल नहीं जाते हैं। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के स्कूलों में अक्सर शिक्षकों को लेकर कई नकारात्मक खबरें आती है। इसमें स्कूल से गायब रहना, स्कूल में लेट आना और बिना पढ़ाए आराम फरमाना। अब प्रशासन ने इसका भी तोड़ निकाल लिया। स्कूलों से गायब रहकर मौज मनाने वाले शिक्षकों की अब खैर नहीं रहेगी। अब मुंह दिखाई के बिना उन्हें वेतन नहीं मिलेगा। शिक्षक अब बिना स्कूल जाए हाजिरी नहीं लगा पाएंगे। यह बदलाव ई-गवर्नेंस के तहत हमारे शिक्षक प्रणाली के चलते हुए हैं। ताजा व्यवस्था स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से बनाई गई है।
मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग ने नई व्यवस्था शुरू की है। इस नए सिस्टम के तहत शिक्षकों को अब स्कूल पहुंचकर अपनी सेल्फी लेकर इस सिस्टम पर अपलोड करना होगा। इस सेल्फी के साथ उनकी लोकेशन भी पोर्टल में दर्ज हो जाएगी। स्कूल का समय खत्म के बाद भी इसी तरह दोबारा उपस्थिति दर्ज करानी होगी।
मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने एक जुलाई से हाजिरी का यह नया नियम अनिवार्य कर दिया है। इस पूरी प्रणाली की निगरानी शिक्षा पोर्टल 3.0 पर उपलब्ध रहेगी। इसके तहत प्रत्येक शिक्षक के मोबाइल पर इस पोर्टल के माध्यम से आनलाइन उपस्थिति दर्ज होगी। नए सिस्टम के तहत शिक्षकों को प्रतिदिन स्कूल के तय समय के एक घंटे बाद तक उपस्थिति दर्ज करानी होगी। स्कूल बंद होने के समय से आधा घंटा पहले से आधा घंटा बाद तक स्कूल से वापसी की उपस्थिति दर्ज की जाएगी।
अगर कोई शिक्षक तय समय सीमा के बाद उपस्थिति दर्ज करता है तो उसका आधा दिन का आकस्मिक अवकाश दर्ज किया जाएगा। ऐसे में शिक्षकों को 13 आकस्मिक अवकाश और तीन ऐच्छिक अवकाश से समायोजन किया जा सकेगा।
23 जून से 30 जून तक इसका प्रायोगिक परीक्षण शुरू हो रहा है। इसके बाद 1 जुलाई से इससे उपस्थिति अनिवार्य होगी। इससे जो शिक्षक अपने स्थान पर दूसरों को पढ़ाने भेजते हैं या अनुपस्थित रहते हैं, उस पर लगाम लग सकेगी। नए सिस्टम के माध्यम से जिन स्कूलों के शिक्षक नियमित रूप से अटेंडेंस दर्ज करेंगे। उनके सेवा अभिलेख में विशेष उपलब्धि के रूप में दर्ज होगा। भविष्य में ऐसे स्कूलों और शिक्षकों के लिए विशेष प्रविधान किए जाएंगे। शिक्षक अवकाश का आवेदन भी इसी प्रणाली से करेंगे।
1- हायर सेकंडरी स्कूल 4,000
2- हाईस्कूल 5,000
3- मिडिल-प्रायमरी 90,000
4- टीचर स्कूल शिक्षा 2, 80,000
5- ट्रायबल शिक्षक 1, 00000
सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर नई व्यवस्था का पालन कराने को कहा गया है। इसकी जानकारी सभी संभागीय संयुक्त संचालक और जिला शिक्षा अधिकारियों को भी भेजी गई है। शिक्षा विभाग द्वारा एजुकेशन 3.0 पोर्टल शुरू किया गया है। पोर्टल पर शिक्षकों की सुविधा के लिए हमारे शिक्षक ई-गवर्नेंस प्लेटफार्म विकसित किया गया है। नए सिस्टम का ट्रायल 23 से 30 जून तक किया जाएगा। एक जुलाई से ई अटेंडेंस सिस्टम अनिवार्य कर दिया जाएगा।
शिल्पा गुप्ता, आयुक्त,लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल
स्कूल शिक्षा के शिक्षकों को हमारे शिक्षक ई-गवर्नेंस प्लेटफार्म के माध्यम से स्कूलों में आनलाइन उपस्थिति लगाने के निर्देश जारी किए हैं। इसे अव्यवहारिक बताते हुए संगठन ने शासन प्रशासन से मांग की है कि सभी विभागों के कर्मचारियों पर इस तरह अटेंडेंस व्यवस्था पहले लागू की जाए इसके बाद ही शिक्षक संवर्ग इस आदेश का पालन करेगा। ई अटेंडेंस लागू करना शिक्षकों की कार्यक्षमता, राष्ट्रनिर्मात की छवि पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।
उपेंद्र कौशल, प्रदेशाध्यक्ष, शासकीय शिक्षक संगठन