भारत के पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने वकीलों को नौतिकता पर खरे उतरने की हिदायत देते हुए कहा कि सभी वकीलों को अपनी पहचान न्याय के सूत्रधार के रूप में स्थापित करनी चाहिए। चंद्रचूड़ ने कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है।
By: Arvind Mishra
Aug 10, 2025just now
भारत के पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने वकीलों को नौतिकता पर खरे उतरने की हिदायत देते हुए कहा कि सभी वकीलों को अपनी पहचान न्याय के सूत्रधार के रूप में स्थापित करनी चाहिए। चंद्रचूड़ ने कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है। खासकर कानून की पढ़ाई करने वाले अभ्यार्थी जिंदगी भर कुछ न कुछ नया सीखते हैं। वो एक स्वतंत्र विचारक होते हैं। छत्रपति संभाजीनगर में एक लॉ कॉलेज में छात्रों को संबोधित करते हुए पूर्व सीजेआई ने कहा-वकीलों को अपनी छवि न्याय के सूत्रधारक के रूप में स्थापित करनी चाहिए। उनके लिए न्याय सबसे पहले होना चाहिए। अगर चाहिए तो दूसरों का मार्गदर्शन जरूर लो, मगर आपकी सोच स्वतंत्र होनी चाहिए।
पूर्व सीजेआई ने कहा कि अगर नई पीढ़ी कुछ नया सीखती है और अपने कर्तव्य के प्रति ईमानदार रहती है, तो इस क्षेत्र में आपके सामने ढेरों मौके खुले हैं। आज महिलाएं भी सुपरस्पेशलिटी और तकनीकी शाखाओं में शामिल हो रही हैं। यह बदलाव कानून के क्षेत्र में भी आना चाहिए। कानून में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर देना चाहिए।
पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि कई छात्र छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों से आते हैं। इस दौरान वो न सिर्फ लॉ कॉलेज में अहम योगदान देते हैं, बल्कि सफलता की नई कहानी भी बुनते हैं। बेहतर प्रैक्टिस के लिए कानून की पढ़ाई करने वाले बच्चों को लाइब्रेरी डेटाबेस मुहैया करवाना चाहिए। सीनियर्स को चाहिए कि नए वकीलों को उनके शुरुआती दिनों में सपोर्ट करें और आर्थिक रूप से उनकी मदद करें।