अफगान के विदेश मंत्री की दिल्ली में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल न करने पर बवाल मच गया है। इसी बीच विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि इस कॉन्फ्रेंस में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। यह अफगान दूतावास द्वारा आयोजित किया गया था। मंत्रालय ने यह भी कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर और मुत्तकी के बीच कोई संयुक्त प्रेस वार्ता नहीं हुई थी।
By: Arvind Mishra
Oct 11, 20251:03 PM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
अफगान के विदेश मंत्री की दिल्ली में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल न करने पर बवाल मच गया है। इसी बीच विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि इस कॉन्फ्रेंस में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। यह अफगान दूतावास द्वारा आयोजित किया गया था। मंत्रालय ने यह भी कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर और मुत्तकी के बीच कोई संयुक्त प्रेस वार्ता नहीं हुई थी। दरअसल, दिल्ली में शुक्रवार को अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी की ओर से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल न करने पर विपक्ष के नेताओं, खासकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। जवाब में शनिवार को सरकार ने स्पष्ट किया कि इस कार्यक्रम में भारत का कोई हस्तक्षेप नहीं था। विदेश मंत्रालय का कल दिल्ली में अफगान विदेश मंत्री की प्रेस वार्ता में कोई रोल नहीं था। मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोई महिला पत्रकार मौजूद नहीं थी, जिससे महिलाओं के साथ तालिबान के भेदभाव की भारी आलोचना हुई। तस्वीरों में देखा गया कि यह सिर्फ पुरुष पत्रकारों के लिए आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस थी।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीएम मोदी को टैग करते हुए एक्स पर लिखा-प्रधानमंत्री कृपया यह स्पष्ट करें कि तालिबान के प्रतिनिधि की भारत यात्रा के दौरान आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को बाहर क्यों रखा गया। अगर महिलाओं के अधिकारों को मान्यता देना सिर्फ एक चुनावी दिखावा नहीं है, तो हमारे देश में महिलाओं के साथ इस अपमान को कैसे अनुमति दी गई।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने लिखा-पीएम जब आप किसी सार्वजनिक मंच से महिला पत्रकारों को बाहर करने की अनुमति देते हैं, तो आप भारत की हर महिला को बता रहे हैं कि आप उनके लिए खड़े होने में कमजोर हैं। हमारे देश में महिलाओं को हर क्षेत्र में समान भागीदारी का अधिकार है। ऐसी भेदभावपूर्ण स्थिति में आपकी चुप्पी नारी शक्ति के आपके नारों के खोखलेपन को उजागर करती है।
यह प्रेस वार्ता मुत्तकी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच हुई बैठक के बाद हुई, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार, मानवीय सहायता और सुरक्षा सहयोग पर चर्चा की गई थी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने भी अपनी नाराजगी जताई और कहा- मुझे यह जानकर झटका लगा कि अफगानिस्तान के आमिर खान मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को बाहर रखा गया। मेरी व्यक्तिगत राय में, पुरुष पत्रकारों को वहां से वॉकआउट कर देना चाहिए था जब उन्होंने देखा कि उनकी महिला सहयोगियों को बुलाया ही नहीं गया।
महिला पत्रकारों के साथ इस तरह के भेदभाव से पत्रकार और सोशल मीडिया यूजर्स भी गुस्से में हैं। लोगों ने इसे महिला विरोधी रवैया और भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान बताया। तालिबान, जो वर्तमान में अफगानिस्तान में सत्ताधारी है, अपने देश में महिलाओं के अधिकारों को लगातार दबाने के लिए कुख्यात है। अफगान महिलाओं पर तालिबान ने कई प्रतिबंध लगाए हैं। उन्हें शिक्षा, रोजगार और सार्वजनिक जगहों पर कई तरह के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है।