थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आईआईटी मद्रास में भारतीय सेना अनुसंधान प्रकोष्ठ अग्निशोध का उद्घाटन किया। यह रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम कदम है।
By: Arvind Mishra
Aug 10, 2025just now
थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आईआईटी मद्रास में भारतीय सेना अनुसंधान प्रकोष्ठ अग्निशोध का उद्घाटन किया। यह रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम कदम है। इसका मकसद एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, साइबर सुरक्षा, क्वांटम कंप्यूटिंग, वायरलेस संचार और मानवरहित प्रणालियों जैसे उभरते क्षेत्रों में सैन्य कर्मियों को कुशल बनाना है। इससे एक तकनीक-सक्षम बल तैयार करने में मदद मिलेगी। इस दौरान सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने आॅपरेशन सिंदूर- आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक नया अध्याय पर संकाय और छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने इसे सैद्धांतिक बदलाव के तहत अहम कदम बताया। गौरतलब है कि बीते दिन भारत के एअरफोर्स चीफ मार्शल एपी सिंह ने आपरेशन सिंदूर पर कई सनसनीखेज खुलासे किए थे। वहीं, अब देश के चीफ आफ आर्मी स्टाफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भी आपरेशन सिंदूर की तुलना चेस यानी शतरंज के खेल से कर दी है। द्विवेदी के अनुसार, आॅपरेशन सिंदूर शतरंज के खेल जैसा था, जिसमें हमें नहीं पता था कि दुश्मन की अगली चाल क्या होगी। जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, आपरेशन सिंदूर एक ग्रे जोन की तरह था, जिसका मतलब होता है कि हम पारंपरिक आॅपरेशन नहीं करेंगे। जब हम शतरंज की बाजी चलते हैं, तो दुश्मन भी अपनी चाल चलता है। कहीं न कहीं हमें उसे चेक और मेट देना होता है। हमें दुश्मन के पाले में जाकर अपनी जान जोखिम में डालकर उसे चित और मात देनी पड़ती है। इस दौरान हमें भी कुछ खिलाड़ी खोने पड़ते हैं, लेकिन जिंदगी कुल मिलाकर यही है।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान की चुटकी लते हुए कहा-अगर आप पाकिस्तान से पूछेंगे कि इस लड़ाई में वो जीता या हारा, तो वो कहेगा हमारे आर्मी चीफ अब फील्ड मार्शल बन गए। हम जीते ही होंगे वरना उन्हें फील्ड मार्शल क्यों बनाया जाता। द्विवेदी कहा-22 अप्रैल को पहलगाम हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। 23 अप्रैल को हमारी बैठक हुई और यह पहली बार था जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बस अब बहुत हुआ। सेना को खुली छूट दे दी गई कि आप तय करो अब आगे क्या करना है। पहली बार हमने इस तरह का आर्डर मिला था। इससे हमारा मनोबल मजबूत हुआ और हमने आपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बताया कि 29 अप्रैल को हम पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले। आपरेशन सिंदूर के नाम ने ही पूरे देश को एकजुट कर दिया। यही वजह थी कि पूरा देश एक सुर में बोल रहा था कि हम क्यों रुक गए। यह सवाल कई बार पूछा गया और इसका पर्याप्त जवाब भी दिया गया।
जनरल द्विवेदी ने कहा कि 25 तारीख को हमने उत्तरी कमान का दौरा किया, जहां हमने सोचा, योजना बनाई, रूपरेखा बनाई और ताबह किए गए नौ में से सात लक्ष्यों पर योजना को क्रियान्वित करने की तैयारी की। आपने देखा कि आॅपरेशन के दौरान बहुत सारे आतंकवादी ढेर किए गए। यह अहम था कि कैसे एक छोटा-सा नाम आॅपरेशन सिंदूर पूरे देश को जोड़ता है। यह कुछ ऐसा है, जिसने पूरे देश को प्रेरित किया।