अमदरा के ग्राम खेरवाकला मोड़ पर निर्माणाधीन रेलवे ओवरब्रिज में गंभीर तकनीकी खामियां सामने आई हैं। एसडीओ और पीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट ने अनियमितताओं की पुष्टि की है। विधायक, अधिवक्ता और स्थानीय लोगों ने जांच, निर्माण रोकने और पुनः सही डिजाइन से कार्य कराने की मांग उठाई है।
By: Star News
Dec 15, 20253:38 PM
हाइलाइट्स:
अमदरा, स्टार समाचार वेब
ग्राम खेरवाकला मोड़ स्थित निमार्णाधीन ओवरब्रिज में गंभीर तकनीकी अनियमितताएं बरतने का मामला सामने आया है। अनियमितता से नाराज विधायक व स्थानीय अधिवक्ता ने मामले के खिलाफ आवाज उठाई है।
जांच की मांग तेज
ग्राम खेरवाकला मोड़, एनएच-30, मैहर पर निमार्णाधीन रेलवे ओवरब्रिज में गंभीर संरचनात्मक अनियमितताओं के खुलासे के बाद स्थानीय स्तर पर जनाक्रोश बढ़ गया है। इसकी शिकायत भी अधिवक्ता मनीष तिवारी ने की गई थी। शिकायतों और एसडीओ व पीडब्ल्यूडी मैहर की जाँच रिपोर्ट ने परियोजना में हुए बड़ी तकनीकी गड़बड़ियों की पुष्टि की है। जानकारी देते हुए अधिवक्ता मनीष तिवारी ने बताया कि इस मामले पर अमरपाटन विधानसभा के विधायक, डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह ने भी यह मामला गंभीरता से उठाया है और लोक निर्माण विभाग, भोपाल को लिखे अपने पत्र में निर्माण कार्य को स्वीकृत ड्राइंग और तकनीकी मानकों के विपरीत करार दिया है।
एसडीओ व पीडब्ल्यूडी रिपोर्ट में क्या
अधिवक्ता मनीष तिवारी ने बताया कि एसडीओ व पीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि ओवरब्रिज का एलाइनमेंट स्वीकृत डिजाइन से पूरी तरह विपरीत दिशा में बनाया जा रहा है। रिपोर्ट में कहा है कि जहाँ 100 मीटर एप्रोच समतलीकरण आवश्यक था, वहां केवल 20 मीटर तक कार्य किया गया। गलत ढलान और मोड़ के कारण यह क्षेत्र भविष्य में ‘ब्लैक स्पॉट’ बन सकता है। निर्माण कार्य तकनीकी मानकों, आईआरसी दिशा निदेर्शों और स्वीकृत डोजियर का पालन नहीं करता।
विधायक ने पत्र में क्या कहा
गलत एलाइनमेंट व बदलाव से आम जनता की जान-माल को गंभीर खतरा है। विभागीय जाँच में भी अनियमितताओं बरती गई है। ऐसे अनाधिकृत निर्माण को तुरंत रोककर पुन: स्वीकृत ड्राइंग के अनुसार निर्माण की आवश्यकता है। हाईकोर्ट में दायर है जनहित याचिका लगातार विभागीय अनदेखी और निर्माण एजेंसी द्वारा गलत कार्य जारी रखने पर अधिवक्ता मनीष तिवारी ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में पीआईआर दायर की है।
याचिका में मांग की गई है गलत निर्माण तुरंत रोका जाए
सीएसआईआर-सीआरआरआई, आईआईटी-रूरकी जैसे स्वतंत्र विशेषज्ञों से तकनीकी आॅडिट कराया जाए। दोषी अधिकारियों व जिम्मेदार एजेंसी पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए। स्वीकृत एलाइनमेंट और स्टैंडर्ड ड्राइंग के अनुसार ब्रिज का पुन: निर्माण किया जाए।
जांच की तैयारी
जनहित में पहल करते हुए अधिवक्ता मनीष तिवारी ने कलेक्टर, सतना को आवेदन देकर स्वतंत्र एजेंसियों से तकनीकी जांच की अनुमति मांगी है, ताकि वास्तविक तकनीकी खामियों का वैज्ञानिक विश्लेषण कर रिपोर्ट अदालत और सरकार को प्रस्तुत की जा सके।
जनता में आक्रोश
ग्राम खेरवाकला मोड़ स्थित निमार्णाधीन ओवरब्रिज में गंभीर तकनीकी अनियमितताएं को लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि ओवरब्रिज का निर्माण गलत तरीके से किया जा रहा है। यह ब्रिज न केवल दुर्घटनाओं को आमंत्रित करेगा, बल्कि आने वाले वर्षों में जानलेवा साबित हो सकता है। लोगों की मांग है कि विभाग को तुरंत इस पर रोक लगानी चाहिए, अन्यथा यह कई जिंदगियों के लिए खतरा बन जाएगा।