अनूपपुर जिले के सकरिया गांव में भैयालाल रजक की हत्या का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया। मृतक की पत्नी मुन्नी बाई, उसके प्रेमी नारायणदास और मजदूर धीरज कोल ने मिलकर हत्या की थी। शव को बोरे और कंबल में लपेटकर कुएं में फेंका गया था।
By: Star News
Sep 06, 2025just now
हाइलाइट्स
अनूपपुर, स्टार समाचार वेब
सिटी कोतवाली पुलिस द्वारा ग्राम सकरिया में भैयालाल रजक 60 वर्ष की अपने घर के पीछे खेत के कुए में बोरा और कम्बल से लिपटी एवं साड़ियो से बंधी मिली लाश के मामले में अंधे हत्या काण्ड का सनसनीखेज खुलासा करते हुए मृतक की पत्नी एवं दो आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। बीते 31 अगस्त 25 को गुड्डी रजक पति भैयालाल रजक उम्र करीब 42 साल निवासी जैतहरी के द्वारा सिटी कोतवाली पहुंचकर जानकारी दी गई कि ग्राम सकरिया में पति भैयालाल रजक का शव घर के पीछे खेत में बने कुंए के पानी में उतराते हुए देखा गया है, उक्त शिकायत पर पुलिस ने मर्ग क्र 71/25 धारा 194 बीएनएसएस पंजीबद्ध किया गया, एसडीओपी, टीआई सिटी कोतवाली, एफ.एस.एल.वैज्ञानिक, फिन्गर प्रिन्ट विशेषज्ञ उपनिरीक्षक रऊएफ्ऋ के कमांडर, पुलिस डाग वीरा ट्रेकर के साथ घटनास्थल पहुंचकर कुंए से मृतक भैयालाल का शव बरामद किया गया, पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध अपराध दर्ज किया गया, इस मामले में डीआईजी शहडोल रेन्ज सुश्री सविता सोहाने, पुलिस अधीक्षक श्री मोती उर रहमान द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण एवं साक्षियों से पूछताछ कर जांच टीम को निर्देश दिये गये, पुलिस टीम द्वारा गहन छानबीन एवं साक्ष्य संकलन पर मृतक की तीसरी पत्नी मुन्नी उर्फ विमला रजक 38 वर्ष सकरिया, उसके प्रेमी लल्लू उर्फ नारायण दास कुशवाहा 48 वर्ष वार्ड 13 पुरानी बस्ती एवं घर पर काम करने वाले मजदूर धीरज कोल 25 वर्ष सकरिया को धारा 103(1),238,61(2) बीएनएस में गिरफ्तार किया है, पुलिस के द्वारा अंधी हत्या काण्ड का खुलासा करते हुए विवेचना में पाया गया कि मृतक भैयालाल की तीन शादियां हुई है, पहली पत्नी ग्राम मझगवां शहडोल की शादी के कुछ दिनो बाद ही छोड़कर चली गई वर्तमान में भैयालाल की दो पत्नियां है, पहली पत्नी गुड्डी बाई को कोई संतान ना होने से भैयालाल ने गुड्डी बाई की छोटी बहन मुन्नी बाई रजक से भी शादी कर ली थी जिससे भैयालाल को दो संतान है, मृतक भैयालाल रजक की ग्राम सकरिया एवं परसवार में कीमती पैतृक जमीन है, जिसको विक्रय कराने के लिए दलाल लल्लू उर्फ नारायण दास कुशवाहा का पिछले चार-पांच वर्ष से भैयालाल रजक के घर पर आना जाना होता था, इसी बीच मुन्नी बाई रजक का लल्लू उर्फ नारायणदास कुशवाहा से प्रेम संबंध हो गया, जिसके चलते 30 अगस्त को मुन्नी बाई ने नारायणदास और घर पर काम करने वाले धीरज कोल के साथ मिलकर योजना बनाई कि वह जैतहरी अपनी बड़ी बहन गुड्डी रजक के पास चली जायेगी जो रात में घर पर अकेले भैयालाल रजक रहेगा जिसकी हत्या करनी है, जिसके बाद वह नारायणदास कुशवाहा से शादी कर लेगी, आपराधिक षणयन्त्र के अनुसार रात्रि करीब 2.-2.30 बजे नारायणदास और धीरज मृतक भैयालाल के निमार्णाधीन मकान में घुसे और परछी में बिछी खटिया पर सो रहे भैयालाल को निमार्णाधीन सामान में पड़े लोहे की राड से सिर में मारकर हत्या कर दी, और साक्ष्य नष्ट करने के लिए घर पर पड़े जूट के बोरे और कम्बल में भैयालाल की लाश को लपेटकर दो साड़ियो एवं जूट की रस्सी से बांधकर घर के पीछे खेत में बने कुँए में फेंक दिया। आरोपियों द्वारा हत्या के उपरांत कुंए में फेंके गये भैयालाल के मोबा को पुलिस द्वारा कुंए को खाली कराकर जप्त किया गया, एवं आरोपियों का पुलिस रिमाण्ड लिया जाकर अन्य साक्ष्य संकलित किया जा रहा है।