पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद शिलान्यास विवाद पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने दखल देने से मना किया। TMC से निलंबित हुमायूं कबीर 6 दिसंबर को नींव रखने पर अड़े। सुरक्षा के लिए 19 कंपनियां तैनात।
By: Ajay Tiwari
Dec 05, 20254:22 PM
कलकत्ता। स्टार समाचार वेब
पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद को लेकर एक बार फिर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए स्पष्ट कहा कि राज्य में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखना पूरी तरह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
विवाद की शुरुआत तब हुई जब तृणमूल कांग्रेस (TMC) के निलंबित नेता हुमायूं कबीर ने 6 दिसंबर 2025 को मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की नींव रखने की घोषणा कर दी।
गौरतलब है कि 6 दिसंबर का दिन अयोध्या में ढांचा गिराए जाने की तारीख से जुड़ा है। इसी वजह से हुमायूं कबीर का यह ऐलान तेजी से विवाद में बदल गया, जिसके बाद TMC ने उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया। पार्टी से निकाले जाने के बाद हुमायूं कबीर ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
हाइलाइट्स
कलकत्ता हाईकोर्ट ने बाबरी मस्जिद शिलान्यास विवाद में दखल देने से इंकार किया
TMC के निलंबित नेता हुमायूं कबीर 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद में नींव रखने पर अड़े
ममता बनर्जी के खिलाफ कबीर ने खोला मोर्चा
मुर्शिदाबाद में केंद्रीय बलों की 19 कंपनियां तैनात, क्षेत्र में हाई अलर्ट
हुमायूं कबीर की घोषणा के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अंतरिम मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह विषय प्रशासनिक है और राज्य सरकार को कानून व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। अदालत ने साफ कहा कि वह इस मामले में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करेगी।
अदालत के रुख के बाद हुमायूं कबीर ने खुशी जताते हुए कहा कि यह उनका संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने दोहराया कि वे 6 दिसंबर को दोपहर 12 बजे बेलडांगा में बाबरी मस्जिद का शिलान्यास करेंगे। उन्होंने दावा किया कि इस कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय के कई नेता शामिल होंगे।
बढ़ते तनाव को देखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने पूरे क्षेत्र में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। केंद्रीय सरकार ने भी सुरक्षा बढ़ाते हुए केंद्रीय बलों की 19 कंपनियों को तैनात कर दिया है, ताकि किसी भी स्थिति पर तुरंत नियंत्रण किया जा सके।