चितरंगी क्षेत्र के कुलकवार और बगदरा गांवों के लोग आज भी बेलहवा नदी में पुल के अभाव में जान हथेली पर रखकर नदी पार करने को मजबूर हैं। बरसात में ग्रामीणों ने खुद लकड़ी और बांस से पुल बनाकर रास्ता चालू किया, विकास के सरकारी दावे हुए बेनकाब।
By: Yogesh Patel
चितरंगी क्षेत्र के लोग आज भी विकास से कोसों दूर, नहीं बन सका नदी में पुल
सिंगरौली, स्टार समाचार वेब
चितरंगी विकास खण्ड आज भी विकास के लिए मोहताज है। आज भी लोग अंधेरे में अपना जीवन यापन करने को मजबूर हो रहे हैं। साथ ही बरसात के समय नदी नालो में पुल न होने से लोगो का आवागमन ठप्प हो जाता है। लोग घरों में कैद होकर रह जाते है, ऐसे में यदि कोई घर में बीमार पड़ जाय तो फिर उसकी जान बचाना भी मुश्किल हो जाता है। सबसे ज्यादा परेशानी बरसात के मौसम में होती है जब थोड़ी सी बारिस में नदी-नाले उफान पर आ जाते है। क्षेत्र के गांवों में बिजली की समस्या तो 24 घंटे बनी रहती है। रात में कभी-कभी ही बिजली नसीब होती है ऐसे में बरसात के दिन यहां गिन-गिन कर लोग काटने विवस हो जाते है। सर्वाधिक परेशानी तो नदी-नालों में पुलिया न होने से हो रही है। बारिस में नदी-नाले उफान पर होने से मार्ग बंद हो जाता है। यहां ग्रामीणों ने बरसात में रास्ता चालू रखने कुलकवार एवं बगदरा के बीच बेलहवा नदी में पार करने पेड़ों के सहारे बांस का पुल खुद बना लिया ताकि वो इस पार से उस पार आ जा सके।
विकास के दावे खोखले
ऐसा नहीं है कि चितरंगी क्षेत्र का शासन-प्रशासन में महत्व नहीं है इसी क्षेत्र के विधायक व राज्यमंत्री होने के बाद भी चितरंगी विकासखडं विकास से अभी भी काफी दूर है। गौरतलब हो कि केंद्र से लेकर राज्य सरकार जहां हर क्षेत्र के विकास के दावे करती है, वहीं चितरंगी के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को जाकर के देखा जा सकता है सीधा ऐसे दावों की पोल खुलती दिखाई दे रही है।
ग्रामीणों ने बनाया बांस का पुल
बेलहवा नदी मे आने जाने का रास्ता न होने के कारण हो रही असुविधा को देखते हुए कोरावाल विकास मंच के अध्यक्ष डॉ. रमाशंकर बैस द्वारा कुलकवार एवं बगदरा के बीच बेलहवा नदी मे गाँव के लोगों के साथ मिल कर देसी जुगाड़ से लकड़ी का पुल बनवाया और मुसीबत में किसी तरह रास्ता चालू कर आम जन को राहत दी। ताकि बरसात मे कोई भी परेशानी न हो। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि मंत्री, विधायक, उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार ,सरपंच, जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्य सब है लेकिन इन जनप्रतिनिधि और प्रशासन सब इस नदी पर एक छोटा सा पुल नहीं बनवा सके। यदि कुलकवार एवं बगदरा के बीच इस नदी पर पुल का निर्माण हो जाय तो लोग बरसात के मौसम मे अपने घरों तक आसानी से पहुंच सकें।