प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की है। ईडी ने गूगल से इन ऐप्स के विज्ञापन और प्रचार को लेकर पूछताछ की है, जबकि Meta (फेसबुक, इंस्टाग्राम) ने ऐसे विज्ञापनों से दूरी बना ली है। जानें इस सख्त कार्रवाई का पूरा विवरण और इसके निहितार्थ।
By: Ajay Tiwari
Jul 28, 20257 hours ago
नई दिल्ली: स्टार समाचार वेब.
ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स के बढ़ते जाल पर शिकंजा कसते हुए, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में गूगल के प्रतिनिधियों से पूछताछ की है। हालांकि, मेटा (Meta) से इस पूछताछ के लिए कोई भी प्रतिनिधि उपस्थित नहीं हुआ। यह कार्रवाई ऑनलाइन जुए और उससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों पर ED की बढ़ती सख्ती को दर्शाती है।
ED की जांच और गूगल की भूमिका
सूत्रों के अनुसार, ED ने गूगल के अधिकारियों से उन ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स के प्रचार और उपलब्धता को लेकर सवाल किए, जो गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद थे। ED यह समझना चाहती है कि इन ऐप्स को प्लेटफॉर्म पर कैसे मंज़ूरी मिली और उनके विज्ञापन के पीछे क्या प्रक्रिया थी। यह भी जांच की जा रही है कि क्या इन ऐप्स के माध्यम से होने वाले वित्तीय लेन-देन में कोई अनियमितता थी।
Meta की अनुपस्थिति पर सवाल
मेटा (जिसके तहत फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप आते हैं) के किसी भी प्रतिनिधि का ED की पूछताछ में शामिल न होना कई सवाल खड़े करता है। ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स अक्सर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी बड़े पैमाने पर विज्ञापन और प्रचार करते हैं। ED इस बात की जांच कर रही है कि मेटा के प्लेटफॉर्म पर इन ऐप्स के विज्ञापन और उनके संचालन को लेकर क्या नीतियां हैं और क्या इनमें किसी प्रकार की मिलीभगत तो नहीं थी।
ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स पर बढ़ती चिंता
भारत में ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स एक बड़ी चिंता का विषय बन गए हैं। ये ऐप्स अक्सर अवैध रूप से संचालित होते हैं और मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी तथा युवाओं को वित्तीय नुकसान पहुँचाने में शामिल पाए जाते हैं। सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियां लगातार इन ऐप्स पर लगाम कसने का प्रयास कर रही हैं। यह ED की कार्रवाई इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य इन ऐप्स के पीछे के वित्तीय नेटवर्क को ध्वस्त करना और उनसे जुड़े लोगों को जवाबदेह ठहराना है।