मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर ने आदेश जारी कर 50 से अधिक फोटो मीटर रीडिंग गड़बड़ी करने वाले मीटर रीडरों को ब्लैक लिस्टेड करने के निर्देश दिए। रीवा के त्योंथर डिवीजन में 8 कर्मचारियों पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है।
By: Star News
Aug 24, 2025just now
हाइलाइट्स
रीवा, स्टार समाचार वेब
10 हजार की नौकरी करने वाले मीटर रीडरों पर फिर संकट खड़ा हो गया है। जबलपुर से जारी हुए आदेश के बाद 70 से अधिक मीटर रीडरों की नौकरी खतरे में पड़ गई है। 50 से अधिक फोटो मीटर रीडिंग में गड़बड़ी करने वालों को बाहर करने का फरमान जारी हो गया है। आदेश जारी होते ही त्योंथर डीई ने 8 के नाम कार्रवाई का पत्र भी जेई को जारी कर दिया है।
आपको बता दें कि विद्युत विभाग में मीटर रीडिंग का काम आउटसोर्स में चल रहा है। आउटसोर्स कंपनियों के कर्मचारी ही घरों में जाकर रीडिंग लेते हैं। इसी आधार पर उन्हें महीने में भुगतान होता है। 8 से 10 हजार रुपए इन मीटर रीडरों को मेहनताना मिलता है। अब यह नौकरी भी मीटर रीडरों के लिए मुश्किल हो गई है। मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर से फिर एक पत्र अधीक्षण अभियंता और मुख्य अभियंता को जारी हुआ है। यह पत्र मुख्य महाप्रबंधक जबलपुर से जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि जिन मीटर रीडरों ने महीने में 50 रीडिंग में गड़बड़ी की है। उन्हें ब्लैक लिस्टेड कर बाहर किया जाए। जबलपुर से पत्र पहुंचते ही अधिकारियों ने ऐसे मीटरी रीडरों की छंटनी भी शुरू कर दी है। इसकी शुरुआत त्योंथर डिवीजन के कार्यपालन अभियंता ने सबसे पहले कर दी। 8 कर्मचारियों को चिन्हित तक जेई को पत्र भी लिखकर इनके खिलाफ प्रतिवेदन मांग लिया है।
फोटो मीटर रीडिंग में ही फंस रहा है मामला
रीवा जिला में शहरी और कस्बाई क्षेत्रों को छोड़ दें तो गांव में कहीं मीटर लगे ही नहीं है। गांव की रीडिंग अधिकांश एवरेज ही ली जा रही है। अब ऐसे में मीटर रीडर भी फोटो मीटर रीडिंग की जगह एवरेज रीडिंग ही डाल रहे हैं। मीटर नहीं लगे होने के कारण मीटर रीडरों की नौकरी खतरे में पड़ गई है। हर महीने फोटो मीटर रीडिंग की जबलपुर स्तर पर पीएमआर वायलेशन देखा जा रहा है। जिनके फोटो मीटर रीडिंग में ज्यादा अंतर आ रहा है। इन्हें सीधे ब्लैक लिस्टेड करने के आदेश जारी किए जा रहे हैं।
इन 8 कर्मचारियों की नौकरी खतरे में पड़ गई
आपको बता दें कि इसी तरह की गड़बड़ी के कारण इसके पहले भी रीवा जिला के करीब 84 फोटो मीटरों को बाहर कर दिया गया था। बाहर किए गए मीटर रीडर आज तक वापस नौकरी पाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। कई मर्तबा धरने पर बैठ चुके हैं। इसके बाद फिर से वही स्थिति खड़ी हो गई है। त्योंथर डीई ने जबलपुर से आदेश जारी होते ही 8 को ब्लैक लिस्टेड करने का जेई को पत्र ही जारी कर दिया है। इसमें त्योंथर से नीतेश कुमार तिवारी, पुष्पेन्द्र सिंह, राजकुमार शुक्ला, रामयज्ञ चर्मकार शामिल हैं। जवा वितरण केन्द्र से अभिषेक मिश्रा, कटरा से हिमांशु सिंह, अतरैला से गुलशन कुमार साकेत और हिमांशू गुप्ता शामिल हैं।
अधिकारियों की कमाई का जरिया बन गया
विद्युत विभाग में आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति कमाई का जरिया बन गया है। नौकरी से बाहर किए गए कर्मचारियों ने पहले ही आरोप लगाया था कि उनकी नियुक्ति रुपए लेकर की थी। शपथ पत्र में भी लिखकर दिए थे। एक नौकरी के लिए 70 हजार रुपए तक वसूला जा रहा है। जबलपुर से ब्लैक लिस्टेड करने के आदेश ने अधिकारियों की चांदी कर दी है। यही वजह है कि आदेश पहुंचते ही त्योंथर डिवीजन के डीई ने तुरंत एक्शन भी लेना शुरू कर दिए हैं। अभी एक ही डिवीजन में कार्रवाई हुई है। शेष जगहों पर होना बांकी है। इसके बाद फिर हल्ला मचना तय है।
सीई ने मनमानी रोकने बनाई थी कमेटी, इसमें भी उठ रहे सवाल
विंध्य आउटसोर्स कर्मचारियों ने मुख्य अभियंता से रुपए लेकर नियुक्ति करने की शिकायत की थी। इसके बाद मुख्य अभियंता ने आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति में पादर्शिता लाने के लिए चार सदस्यों की कमेटी गठित कर दी थी। इसमें अधीक्षण अभियंता, कार्यपालन अभियंता रीवा शहर संभाग, कार्यपालन अभिंयता एसटीसी और आउटसोर्स प्रदाता कंपनी के प्रबंधक या प्रतिनिधि को इसमें शामिल किया गया था। इस कमेटी का बनाने का उद्देश्य आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति में मनमानी पर रोक लगाना रहा लेकिन इसका असर अब उल्टा ही हो रहा है। सूत्रों की मानें कि जो आउटसोर्स नौकरी पहले कम रुपए खर्च करने में मिल जाती थी। अब इस आदेश के बाद ज्यादा खर्च करना पड़ेगा।