सतना और मैहर जिले के टोल प्लाजाओं पर फास्टैग को दरकिनार कर नकद में पाँच गुना तक अवैध वसूली की शिकायतें सामने आई हैं। वाहन चालकों ने आरोप लगाया है कि टोल कर्मी फास्टैग मशीन की खराबी का बहाना बनाकर जबरन नकद वसूलते हैं और श्रेणी बदलकर अधिक राशि वसूलते हैं। विरोध करने पर अभद्रता तक की जाती है। स्थानीय लोगों ने एमपीआरडीसी और प्रशासन से टोल कर्मियों पर कार्रवाई और जांच की माँग की है। उधर, केंद्र सरकार ने राहत देते हुए यूपीआई से टोल भुगतान की सुविधा शुरू करने की घोषणा की है।
By: Yogesh Patel
Oct 05, 20256:30 PM
हाइलाइट्स
सतना, स्टार समाचार वेब
उपरोक्त मामले तो एक केवल एक बानगी है, ऐसी अनियमितताओं की एक लंबी फेहरिश्त है जिसमें लोग टोल प्लाज में जबरन वसूली के शिकार बन रहे हैं। सतना व मैहर जिले में भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बनाई गई सड़क के टोल प्लाजा में वाहन चालकों से व्यापक पैमाने पर अवैध वसूली और गुंडागर्दी की शिकायतें आ रही हैं। स्थानीय व्यापारियों और वाहन परिचालकों का आरोप है कि टोल कर्मी फास्टैग का बहाना कर भुगतान अस्वीकार कर देते हैं और नकद भुगतान के लिए दबाव बनाते हुए निर्धारित शुल्क से कई गुना अधिक वसूलते हैं। विरोध करने पर चालकों के साथ अभद्र व्यवहार कर धमकाया भी जाता है।
तकनीकी बाधा की आड़ में बेजा वसूली
ऐसे ही मामले प्रकाश में आए हैं। पहला मामला एक ही वाहन से अलग-अलग चक्कर में अलग-अलग दरों की वसूली का है। सोनवारी टोल प्लाजा में पहले चक्कर में 315 रुपये वसूले गए, जबकि बाद में आने-जाने पर 65-65 रुपये की अलग-अलग रसीदें दी गईं। टोल पर लोडिंग व्हीकल को ‘कार-जीप’श्रेणी में दिखाकर 315 रुपये की रसीद थमाई गई । वाहन मालिकों का दावा है कि यह जानबूझकर श्रेणी बदलकर अतिरिक्त वसूली करने की विधि है। कर्मचारी फास्टैग मशीनें काम न करने या तकनीकी खराबी का हवाला देकर नकद वसूली को जायज ठहराते हैं। वाहन चालकों और स्थानीय व्यापार संघों ने कहा है कि फास्टैग के माध्यम से टोल संग्रह को देश भर में प्राथमिकता दी गई है ताकि पारदर्शिता बने और भ्रष्टाचार रुके। फिर भी सोनवारी व रागला टोल पर नकद वसूली और श्रेणी बदलकर भारी वसूलना स्पष्ट नियमों का उल्लंघन है और इससे आम जनता की जेब पर अनावश्यक बोझ पड़ता है।
पीड़ित ने बताई टोल प्लाजा पर जबरन वसूली की कहानी
बीएससी नर्सिंग प्रवेश परीक्षा के दौरान चित्रकूट निवासी हेमराज सिंह चंदेल अपने परिवार सहित बेटी को परीक्षा केंद्र छोड़ने मैहर आए थे। जानकारी के अनुसार, दोपहर 1:30 बजे जब वे कॉलेज में बिटिया को छोड़कर टोल से गुजरे, तब किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया गया। लेकिन शाम लगभग 4:30 बजे जब परिवार सहित लौट रहे थे, तब सोनवारी टोल पर उनकी गाड़ी को रोका गया और 100 रूपए वसूले गए। रसीद मागने पर टोल कर्मियों ने टालमटोल किया। परिजनों के अनुसार, उस समय 4-5 लोग मौके पर मौजूद थे और बाहरी राज्यों की गाड़ियों को रोककर मनमाना पैसा वसूला जा रहा था। एमपी पंजीयन की गाड़ियों को बिना रोके निकलने दिया जा रहा था। वाहन में हेमराज सिंह चंदेल के साथ उनके भाई अविनाश सिंह, पत्नी शालिनी सिंह और छोटी बिटिया वैष्णवी देवी भी मौजूद थीं। परिवार सहित यात्रा के कारण उन्होंने विवाद बढ़ाना उचित नहीं समझा और पैसा देकर आगे बढ़ गए।
टोल प्लाजाओं पर जांची जाय फास्टैग मशीनों की कार्यशीलता
स्थानीय निवासियों और परिवहन व्यवसायियों ने एमपीआरडीसी व जिला प्रशासन से त्वरित हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने न सिर्फ टोल कर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई बल्कि टोल प्लाजाओं पर फास्टैग मशीनों की कार्यशीलता की सत्यापित जांच, सीसीटीवी फुटेज की त्वरित समीक्षा और नियमित आॅडिट की भी मांग रखी है। विधिक और प्रशासनिक जानकारियाँ बताते हैं कि यदि नियमों के तहत निजी कारों पर वसूली प्रतिबंधित है तो उससे छेड़छाड़ करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ आरोप पक्के माने जा सकते हैं तथा उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक तथा आपराधिक कार्रवाई भी की जा सकती है।
लोगों का दावा, लंबे अर्से से चल रही मनमानी
स्थानीय लोगों का कहना है कि सोनवारी टोल पर लंबे समय से इस तरह की मनमानी जारी है। फास्टैग को दरकिनार कर नकद वसूली आम बात बन गई है। वाहन मालिकों ने जिला प्रशासन और एमपीआरडीसी से माँग की है कि अवैध वसूली पर तत्काल रोक लगाई जाए और दोषी कर्मियों पर कार्रवाई की जाए।स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जब तक पारदर्शिता एवं कड़े नियंत्रण लागू नहीं किए जाते, तब तक टोल व्यवस्था पर उठ रहे शक और असंतोष बढ़ते रहेंगे। उन्होंने प्रशासन से माँग की है कि सतना जिले के सोनवारी और रगला टोल प्लाजा की उच्चस्तरीय जांच तुरंत कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाए और फास्टैग प्रणाली का नियमित व सख्ती से पालन कराया जाय ताकि जनता का विश्वास बहाल हो सके।
केस क्रमांक- 1
वाहन क्रमांक- एमपी-19 जेड डी 9224 को पहले राउंड में एलसीवी वाहन दर्शकर 65 रूपए तो वापसी पर कार -जीप रशीद में दर्शाकर 315 रूपए वसूले गए। एतराज जताने पर अभद्रता की गई।
केस क्रमांक- 2
चित्रकूट से भीतीजी की परीक्षा दिलाने आए हेमराज मैहर गए जहां से वापस लौटने के दौरान टोल प्लाजा में उनके वाहन को रोका गया। 100 रूपए नगद लिए गए । मांगने पर भी रसीद नहीं दी गई।
अब यूपीआई से कर सकेंगे टोल का भुगतान, नहीं देना होगा डबल टैक्स
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए टोल भुगतान प्रणाली में बदलाव किया है। अब जिन वाहनों में फास्टेग नहीं है, वे भी यूपीआई के माध्यम से टोल टैक्स का भुगतान कर सकेंगे। मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, यह नई व्यवस्था 15 नवंबर से पूरे देश के टोल प्लाजा पर लागू की जाएगी। अभी तक फास्टटैग न होने पर वाहन चालकों को डबल टोल टैक्स देना पड़ता था, लेकिन नई व्यवस्था में यह राहत दी गई है। अगर किसी वाहन को फास्टैग से 100 रूपए टोल देना है, तो नकद भुगतान पर 200 रूपए देना होता था, जबकि यूपीआई से भुगतान करने पर केवल 125 रूपए देना होगा। इस कदम का उद्देश्य डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना और टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी कतारों को कम करना है। मंत्रालय का मानना है कि इससे न केवल यात्रियों को सुविधा मिलेगी बल्कि टोल वसूली प्रक्रिया भी अधिक पारदर्शी और तेज होगी।