इंदौर में अन्नपूर्णा मंदिर ट्रस्ट की जमीन पर अवैध कब्जे को हटाने पहुंची प्रशासन और पुलिस की टीम का विरोध। परिवार के सदस्यों ने खुद पर केरोसिन डालकर और पोल पर चढ़कर सुसाइड की धमकी दी। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आत्मदाह के प्रयास को विफल किया।
By: Star News
Nov 14, 20255:51 PM
इंदौर. स्टार समाचार वेब
इंदौर में अन्नपूर्णा मंदिर ट्रस्ट की विवादित भूमि पर किए गए अवैध कब्जे को हटाने के लिए शुक्रवार को प्रशासन, नगर निगम और पुलिस की संयुक्त टीम कार्रवाई के लिए पहुँची। कलेक्टर के निर्देश पर शुरू की गई इस कार्रवाई के दौरान, अतिक्रमणकारियों ने गंभीर विरोध दर्ज कराया, जिसके कारण मौके पर अत्यधिक तनावपूर्ण स्थिति निर्मित हो गई।

कार्रवाई शुरू होते ही, अतिक्रमणकारी परिवार के कुछ सदस्यों ने विरोध का एक चरम तरीका अपनाया। एक महिला और दो युवकों ने खुद पर केरोसिन उड़ेल लिया और आत्मदाह करने की धमकी देने लगे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, मौके पर मौजूद अफसरों और पुलिसकर्मियों ने तुरंत तत्परता दिखाई। उन्होंने बलपूर्वक केरोसिन छिड़के हुए लोगों पर पानी डाला, उन्हें काबू में किया और तुरंत हिरासत में लेकर थाने पहुंचाया।
आत्मदाह के प्रयास के बीच, परिवार के अन्य सदस्यों ने भी कार्रवाई रोकने के लिए अलग-अलग तरीकों से दबाव बनाने की कोशिश की।
एक युवती घर की चद्दर वाली छत पर चढ़ गई और नीचे कूदकर आत्महत्या करने की धमकी देने लगी। महिला पुलिसकर्मियों ने अत्यंत जोखिम उठाकर उसे नीचे उतारा। इस दौरान युवती हल्की घायल भी हुई।
एक अन्य शख्स मंदिर परिसर की दीवार से सटे बिजली के पोल पर चढ़ गया। वह बार-बार पुलिस-प्रशासन को बिजली का तार पकड़कर जान देने की चेतावनी दे रहा था। हालांकि, प्रशासन ने एहतियात के तौर पर पहले ही इलाके की बिजली सप्लाई बंद करवा दी थी। काफी मशक्कत के बाद पुलिसकर्मियों ने उसे भी सुरक्षित नीचे उतारा।
पुलिस के अनुसार, यह विवाद अन्नपूर्णा मंदिर ट्रस्ट की जमीन पर 4 परिवारों द्वारा किए गए अवैध कब्जे से संबंधित है। ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने इस संबंध में कलेक्टर शिवम वर्मा को शिकायत दी थी। पिछले विवादों के कारण यह मामला पहले से ही पुलिस थाने में लंबित था। कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम और तहसीलदार ने भूमि की जाँच की, जिसमें यह पुष्टि हुई कि जमीन वास्तव में मंदिर प्रशासन की है। इस जाँच रिपोर्ट के आधार पर ही गुरुवार को कब्जा हटाने के आदेश जारी किए गए थे।
परिवार के लोगों को हिरासत में लेने के बाद, नगर निगम की टीम ने पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की और जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया।