इंदौर की क्राइम ब्रांच ने एक बड़े ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह ने एक डॉक्टर को रेलवे और आर्कियोलॉजी विभाग में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे ₹1.72 करोड़ की ठगी की। इस लेख में, हम इस धोखाधड़ी की पूरी कहानी और पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में विस्तार से जानेंगे।
By: Ajay Tiwari
Sep 03, 2025just now
इंदौर: स्टार समाचार वेब
इंदौर क्राइम ब्रांच ने एक डॉक्टर की शिकायत पर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले एक गिरोह के खिलाफ मामला दर्ज किया है। राजेंद्र नगर निवासी डॉक्टर की मई में दर्ज कराई गई शिकायत के बाद राकेश सुमन और उसके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
डॉ. सुभाष ने आरोप लगाया है कि राकेश सुमन और उसके सहयोगियों ने उनकी पत्नी को रेलवे और आर्कियोलॉजी विभाग में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे करीब 1 करोड़ 72 लाख रुपए की ठगी की। आरोपियों ने न केवल नकद और बैंक ट्रांजैक्शन से पैसे लिए, बल्कि विश्वास दिलाने के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र भी दिए।
डॉ. सुभाष की पहचान 2018 में इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में राकेश सुमन से हुई थी। राकेश ने खुद को रेलवे अधिकारी बताते हुए नौकरी दिलाने का वादा किया। इसके बाद उसने रत्ना तिवारी, सीमा तिवारी, उर्मिला तिवारी, डीके सिंह, लाल बहादुर सक्सेना और मनोज कुर्मी जैसे लोगों से मिलवाया, जो सभी खुद को सरकारी अधिकारी बताते थे। बाद में ये सभी फर्जी निकले।
आरोपियों ने 2018 से 2024 तक अलग-अलग बहानों से डॉक्टर से पैसे वसूले। कभी नौकरी की प्रक्रिया, कभी रिश्वत, तो कभी सीबीआई क्लीयरेंस के नाम पर पैसे मांगे गए। इस दौरान, उन्होंने डॉक्टर की पत्नी और अन्य रिश्तेदारों से भी मोटी रकम हड़पी।
इस धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए गिरोह ने फर्जी नियुक्ति पत्र, प्रमोशन लेटर, रेलवे आईडी कार्ड और यहां तक कि सीबीआई नोटिस भी बनाए थे। वे सरकारी नंबरों से कॉल करके डॉक्टर को विश्वास में लेते थे।
डॉ. सुभाष ने बताया कि उन्होंने 2024 में इस मामले की लिखित शिकायत भोपाल के टीटी नगर थाने में भी की थी, लेकिन तब कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंततः, इंदौर क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।