इंदौर ने पिछले साल के विश्व कीर्तिमान की वर्षगांठ पर 50 हजार से अधिक पौधे रोपे। इस अवसर पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने धरती के तीन बड़े संकटों - बढ़ते तापमान, पेस्टीसाइड का उपयोग और घटते जंगल - पर चिंता व्यक्त की। जानें कैसे इंदौर बन रहा हरियाली का वैश्विक मॉडल।
By: Star News
Jul 12, 202551 minutes ago
इंदौर: स्टार समाचार वेब.
पिछले साल 12 लाख पौधे लगाने का विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले इंदौर ने शनिवार को पर्यावरण के लिए अपनी उपलब्धि की वर्षगांठ मनाई। 'एक बगिया मां के नाम' कार्यक्रम में 50 हजार से अधिक पौधे रोपे गए। इस मौके पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव भी इंदौरियों के साथ शामिल हुए।
भूपेंद्र यादव ने कहा, धरती के सामने तीन बड़े संकट हैं.. पहला, धरती का तापमान बढ़ना, दूसरा, पेस्टीसाइड का अत्यधिक उपयोग और तीसरा घटते जंगल।"।
यादव ने इंदौर की जागरूकता की सराहना करते हुए कहा कि यह शहर एक जागरुक शहर है, जिसने हरियाली के अभियान को अपने हाथ में लिया है। उन्होंने टेकरी को सालभर में हरा-भरा करने के इंदौर के प्रयासों की विशेष प्रशंसा की और कहा कि इंदौर का यह संदेश पूरी दुनिया में जाएगा। इस मौके पर, मंत्री यादव ने स्वयं पौधारोपण किया और अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाया।
नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने रेवती रेंज को आध्यात्मिक टेकरी बनाने की बात कही, जहां मेडिटेशन सेंटर भी बनेगा। उन्होंने कहा कि "एक पेड़ लगाना शिव का मंदिर बनाने के समान है," क्योंकि शिव की तरह पेड़ भी जहर (कार्बन डाइऑक्साइड) लेते हैं और हमें अमृत (ऑक्सीजन) देते हैं।
मंत्री तुलसी सिलावट ने इंदौर की संकल्प शक्ति की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो भी संकल्प लेते हैं, इंदौर उसे पूरा करता है। उन्होंने कहा कि पहले इंदौर सबसे साफ शहर बना और अब हरियाली का अलख जगा रहा है। सांसद शंकर लालवानी ने इंदौर के ग्रीन बेल्ट को बढ़ाने और हरियाली में भी नंबर वन बनने का संकल्प व्यक्त किया।