जबलपुर में एक इंजीनियरिंग छात्र से उसके मामा ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर सवा तीन लाख की ठगी की। फर्जी इंटरव्यू, मेडिकल और वर्दी देकर ठग ने झांसा दिया। आरोपी गिरफ्तार।
By: Ajay Tiwari
Jul 22, 20253 hours ago
जबलपुर. स्टार समाचार वेब
जबलपुर में इंजीनियरिंग के एक छात्र को रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उसके ही रिश्तेदार ने सवा तीन लाख रुपए की ठगी कर ली। आरोपी ने न केवल फर्जी इंटरव्यू और मेडिकल करवाया, बल्कि छात्र को पहनने के लिए फर्जी वर्दी और आईकार्ड तक दे दिया। इस शातिर ठग को पुलिस ने सोमवार देर रात गिरफ्तार कर लिया।
मामले का खुलासा तब हुआ जब पीड़ित छात्र आदर्श पटेल रेलवे ऑफिस पहुंचा। वहां अधिकारियों ने उसे बताया कि न तो कोई वैकेंसी है और न ही उसकी कोई नियुक्ति हुई है। यह सुनते ही आदर्श के पैरों तले जमीन खिसक गई। उसने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
आरोपी गिरफ्तार, पहले भी कर चुका है ऐसी ठगी
पुलिस ने शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए सोमवार देर रात घमापुर स्थित आरोपी राकेश सराठे के घर पर दबिश दी और उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को उसके घर से रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ से जुड़े कुछ दस्तावेज और WCRMS का आईकार्ड मिला, जिसकी मदद से वह खुद को रेलकर्मी बताकर लोगों को ठगता था। मंगलवार को आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। यह भी सामने आया है कि आरोपी पर 2021 में भी इसी तरह की ठगी का एक मामला दर्ज है।
मामा निकला शातिर ठग
आदर्श पटेल की मां पीको-फॉल का काम करती हैं और आरोपी राकेश सराठे रिश्ते में छात्र का मामा लगता है। वह अक्सर सिलाई का काम देने के बहाने आदर्श के घर आता-जाता था। मार्च में राकेश ने आदर्श की मां से कहा कि जबलपुर मंडल के देवरी रेलवे स्टेशन में कॉमर्शियल विभाग में क्लर्क का पद खाली है और वह आदर्श की नौकरी लगवा सकता है। इसके एवज में उसने 5 लाख रुपए की मांग की, यह कहकर कि पैसे अधिकारियों को देने होंगे। रिश्ते में मामा होने के कारण आदर्श और उसकी मां को राकेश पर कोई शक नहीं हुआ और उन्होंने तीन से चार किश्तों में उसे सवा तीन लाख रुपए दे दिए।
फर्जी मेडिकल और वर्दी का खेल
आरोपी ने ठगी को अंजाम देने के लिए पूरी योजना बनाई थी। वह छात्र को मेडिकल टेस्ट के लिए रेलवे अस्पताल भी ले गया, जहां एक महिला से उसकी बात करवाई गई। मार्च में दस्तावेज जमा करने के बाद से राकेश छात्र को कभी रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ, कभी रेलवे अस्पताल और कभी रेलवे गेस्ट हाउस ले जाता रहा, ताकि पूरी प्रक्रिया को असली जैसा दिखाया जा सके। उसने आदर्श को नीलांबरी गेस्ट रूम भी दिखाया और ट्रेनिंग के लिए एक फर्जी आईकार्ड और वर्दी दी, जिस पर "कंप्यूटर प्रकोष्ठ, पमरे, सिविल लाइंस" लिखा था। बाद में उसने रेलवे अस्पताल बुलाकर आदर्श का मेडिकल भी करवाया और एक निजी अस्पताल में एक्स-रे भी कराया गया।
रेलवे अधिकारी बनकर मिली महिला भी गिरफ्तार
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी ने रेखा वर्मा नाम की महिला को रेलवे बोर्ड की अधिकारी बताकर छात्र से मिलवाया था। पीड़ित की शिकायत के बाद पुलिस ने सबसे पहले विजय नगर घड़ी चौक निवासी रेखा वर्मा को हिरासत में लिया। उसने बताया कि वह राकेश के कहने पर खुद को रेलवे अधिकारी बताकर आदर्श से मिली थी और इसके बदले में उसे 5 हजार रुपए मिले थे। इसके बाद ही पुलिस ने मुख्य आरोपी राकेश सराठे को गिरफ्तार किया।