भोपाल के जेपी अस्पताल में जनरेटर में डीजल न होने के कारण 1 घंटे से अधिक समय तक बिजली गुल रही। ऑपरेशन थिएटर में टॉर्च की रोशनी में इलाज करना पड़ा और 8 मरीजों की डायलिसिस रुक गई। जानें इस गंभीर लापरवाही पर क्या हुई कार्रवाई।
By: Ajay Tiwari
Oct 11, 20254:56 PM
भोपाल: स्टार समाचार वेब.
राजधानी के जयप्रकाश (जेपी) अस्पताल में शनिवार सुबह स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ी लापरवाही सामने आई। सर्जरी शुरू होने से ठीक पहले ऑपरेशन थिएटर (ओटी) की बिजली चली गई, जिसके कारण डॉक्टरों को टॉर्च की रोशनी में मरीज का इलाज संभालना पड़ा। इसी दौरान, डायलिसिस करा रहे 8 मरीजों की प्रक्रिया भी बीच में रुक गई। जांच में पता चला कि जनरेटर में डीजल नहीं था, जिसके चलते बैकअप पावर फेल हो गया।
एक घंटे 14 मिनट तक अंधेरा
अस्पताल में सुबह 10:05 बजे बिजली गुल हुई और 11:19 बजे बहाल हुई, यानी पूरे 1 घंटे 14 मिनट तक ओटी, ओपीडी, आईसीयू और सिविल सर्जन कक्ष सहित पूरे अस्पताल में अंधेरा छाया रहा। आईसीयू में भर्ती गंभीर मरीजों को इस दौरान घुटन और उमस का सामना करना पड़ा।
सर्जन को टालनी पड़ी सर्जरी
सुबह करीब 9:55 बजे एक मरीज को बेहोशी की दवा (एनेस्थीसिया) देकर ओटी टेबल पर लिटाया गया था। सर्जन चीरा लगाने ही वाले थे कि अचानक बिजली चली गई। केवल यूपीएस से जुड़े मॉनिटर ही चालू रहे। दो-तीन मिनट तक बिजली नहीं आने पर डॉक्टरों ने तुरंत टॉर्च ऑन की और एनेस्थीसिया का असर कम करने की प्रक्रिया शुरू कर दी, जिससे सर्जरी टालनी पड़ी। बिजली गुल होने से कुल दो ऑपरेशन स्थगित करने पड़े।
8 मरीजों की डायलिसिस अटकी
बिजली जाने के कारण सुबह 8 बजे शुरू हुई 8 मरीजों की डायलिसिस बीच में ही रोकनी पड़ी। मशीनों में केवल 25 मिनट का बैकअप था, जबकि प्रक्रिया पूरी होने में एक घंटे से अधिक समय बाकी था। डायलिसिस यूनिट इंचार्ज अरमान खान ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डायलिसिस रोक दी और सुरक्षा के लिए ब्लड बैंक को रक्त रिजर्व रखने का निर्देश दिया।
डीजल न होने से नहीं चला जनरेटर
कर्मचारियों के मुताबिक, बिजली लाइन में फॉल्ट के बाद जनरेटर चालू करने की कोशिश की गई, लेकिन वह नहीं चला। बाद में सामने आया कि जनरेटर में डीजल ही नहीं था। इस लापरवाही पर सीएमएचओ और सिविल सर्जन डॉ. मनीष शर्मा ने अस्पताल प्रबंधक प्रेमचंद गुप्ता को जमकर फटकार लगाई। इसके बाद डीजल डलवाकर बिजली बहाल की गई।
जनरेटर में डीजल चोरी की आशंका
अस्पताल के रिकॉर्ड के अनुसार, जनरेटर में आखिरी बार 16 सितंबर को डीजल डलवाया गया था, लेकिन इसके चलने का रिकॉर्ड और खपत की स्पष्ट जानकारी रजिस्टर में दर्ज नहीं थी। निगरानी व्यवस्था में ढील के चलते जनरेटर से डीजल चोरी होने की आशंका भी जताई जा रही है।
सीएमएचओ बोले - होगी कड़ी कार्रवाई
सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा ने बताया कि ट्रांसफॉर्मर में गड़बड़ी के कारण बिजली गई थी और जनरेटर लाइन भी ड्रिप हो रही थी। उन्होंने तकनीकी कारणों की जांच के लिए एक समिति बनाने की घोषणा की है। रिपोर्ट के आधार पर जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसके लिए अस्पताल में दो वैकल्पिक बिजली स्रोत जोड़कर "तीन-लेयर कनेक्शन" की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही, जनरेटर में डीजल स्तर की दैनिक जांच और रिपोर्टिंग के लिए एक कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जाएगी।