मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट बैठक में सरकारी आवासों पर अनधिकृत कब्जा बनाए रखने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों पर सख्ती का प्रस्ताव आएगा। जुर्माना बढ़ाने के लिए मौजूदा किराए के 10 गुना पर 30% अधिभार लगाने की तैयारी है।
By: Ajay Tiwari
Oct 28, 20256:18 PM
हाइलाइट्स
भोपाल. स्टार समाचार वेब
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक आयोजित होने जा रही है। इस बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा होगी, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण है सरकारी आवासों पर अनधिकृत कब्जा बनाए रखने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगाम कसना।
सरकार ने राजधानी भोपाल सहित पूरे प्रदेश में ऐसे सरकारी आवासों को खाली कराने के लिए अब सख्ती की तैयारी कर ली है, जिन पर अधिकारी तबादले या सेवानिवृत्ति के बाद भी कब्ज़ा बनाए हुए हैं।
राज्य सरकार इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आवास किराया नीति में संशोधन करने जा रही है। वर्तमान नियमों के तहत, किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को तबादले या सेवानिवृत्ति के बाद सरकारी मकान तीन माह के भीतर खाली करना अनिवार्य होता है।
नियमों का उल्लंघन करने पर अधिकारी से निर्धारित अवधि के बाद मौजूदा किराए का दस गुना जुर्माना वसूला जाता है। हालांकि, सरकारी मकानों का मूल किराया (Basic Rent) बहुत कम होने के कारण यह दस गुना राशि भी बाजार दर के मुकाबले काफी कम पड़ती है। इसी वजह से कई अधिकारी लंबे समय तक मकान खाली करने से बचते रहते हैं।
इस लूपहोल को खत्म करने और अधिकारियों को जल्द मकान खाली करने के लिए प्रेरित करने हेतु, सरकार ने एक कड़ा प्रस्ताव तैयार किया है। प्रस्तावित संशोधन के अनुसार:
"सरकारी आवास पर अनधिकृत कब्ज़ा जारी रखने पर वसूले जाने वाले दस गुना किराए पर अब 30 प्रतिशत अतिरिक्त अधिभार (Surcharge) भी लगाया जाएगा।"
इस संशोधन प्रस्ताव पर अंतिम मुहर कैबिनेट बैठक में लग सकती है।
उल्लेखनीय है कि अकेले राजधानी भोपाल में ही इस समय सरकारी आवास आवंटन के लिए एक हजार से अधिक आवेदन लंबित हैं, जबकि लगभग इतनी ही संख्या में अधिकारी तबादले या रिटायरमेंट के बाद भी आवास खाली नहीं कर रहे हैं, जिससे नए अधिकारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।