मध्य प्रदेश में 21 साल बाद 'स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन' (SIR) प्रक्रिया शुरू। 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक BLO 65 हजार बूथों पर मतदाताओं का घर-घर सत्यापन करेंगे। गलत जानकारी देने पर सज़ा का प्रावधान है, और अंतिम सूची 7 फरवरी 2026 को जारी होगी। पूरी प्रक्रिया और बूथों की संख्या बढ़ने की तैयारी जानें।
By: Ajay Tiwari
Oct 28, 20257:05 PM
भोपाल. स्टार समाचार वेब
मध्य प्रदेश में 21 साल के लंबे अंतराल के बाद 'स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन' (SIR) की महत्वपूर्ण प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव झा ने इस पहल की जानकारी दी, जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य की मतदाता सूची को पूरी तरह से सटीक और त्रुटिहीन बनाना है। इस प्रक्रिया के तहत, राज्य के लगभग 65 हजार मतदान केंद्रों पर मतदाताओं का घर-घर जाकर विशेष सत्यापन किया जाएगा।
श्री झा ने सोमवार को राजनीतिक दलों के साथ एक बैठक में SIR की विस्तृत रूपरेखा साझा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस अभियान के दौरान बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) प्रत्येक घर पर कम से कम तीन बार जाएंगे और मृत, स्थानांतरित या डुप्लीकेट मतदाताओं के डेटा को अपडेट करेंगे। सत्यापन के दौरान यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर गलत जानकारी देता है, तो उसे एक साल की सज़ा या जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है, जिससे इस प्रक्रिया की गंभीरता का पता चलता है।
चुनाव आयोग ने मतदाता सूचियों को अधिक प्रबंधनीय और निष्पक्ष बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है: अब किसी भी बूथ पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। वर्तमान में मध्य प्रदेश में करीब 5.74 करोड़ मतदाता हैं, और कई बूथों पर यह सीमा पार हो चुकी है। SIR प्रक्रिया के बाद मतदाताओं की सटीक संख्या पता चलेगी, जिसके बाद वर्तमान में 65 हजार बूथों की संख्या को बढ़ाकर लगभग 72 हजार तक करने की तैयारी है।
यह विशेष सत्यापन प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू होकर 4 दिसंबर तक चलेगी, जिसमें BLO द्वारा 'एन्यूमरेशन फॉर्म्स' भरवाए जाएंगे। इसके बाद, 9 दिसंबर को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी, और इस पर दावे-आपत्तियां 8 जनवरी 2026 तक स्वीकार की जाएंगी। मतदाता सूची की अंतिम और पूर्ण रूप से अपडेटेड प्रति 7 फरवरी 2026 को जारी की जाएगी। आयोग ने प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक कलेक्टरों, ERO और BLO की ट्रेनिंग तय की है, साथ ही राजनीतिक दलों को भी अपने बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) नियुक्त करने का निर्देश दिया है।
इस SIR प्रक्रिया को शुरू करने का मुख्य कारण राजनीतिक दलों द्वारा पिछले कुछ वर्षों से लगातार मतदाता सूचियों की सटीकता पर उठाए जा रहे सवाल हैं। आयोग का लक्ष्य है कि हर सही मतदाता का नाम सूची में हो, जबकि डुप्लीकेट या अयोग्य मतदाताओं को हटाया जा सके, जिससे चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष और विश्वसनीय बनी रहे।