कार्तिक शुक्ल षष्ठी पर मध्य प्रदेश के 52 घाटों पर डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य। इंदौर में सीएम मोहन यादव शामिल हुए। भोपाल में प्रदेश के पहले छठ मैया मंदिर का लोकार्पण हुआ। जानें पर्व की भव्यता।
By: Star News
Oct 27, 20258:07 PM
भोपाल. स्टार समाचार
सोमवार को सूर्य उपासना के महापर्व छठ पूजा के तीसरे दिन, कार्तिक शुक्ल षष्ठी के अवसर पर, मध्य प्रदेश में आस्था का भव्य सैलाब उमड़ा। राजधानी भोपाल के सभी 52 घाटों सहित प्रदेश के अन्य जिलों में भी हजारों श्रद्धालुओं ने अस्ताचलगामी (डूबते) सूर्य को जल और दूध से अर्घ्य अर्पित किया।
राज्यभर में छठ की भव्यता
दिन भर व्रती महिलाएं प्रसाद की तैयारियों में व्यस्त रहीं, जिसमें ठेकुआ, चावल के लड्डू, सांचा और विभिन्न मौसमी फल शामिल थे। शाम होते ही बांस की टोकरी और सूप में प्रसाद व दीप सजाकर व्रती जल में खड़ी हुईं और पूरी श्रद्धा से सूर्य देव तथा छठी मैया की पूजा की गई।
इंदौर: शहर के 200 घाटों पर पूर्वांचल और बिहार के हजारों श्रद्धालुओं ने एक साथ डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी इंदौर में आयोजित 'लोकोत्सव कार्यक्रम' में शामिल हुए और उन्होंने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया, साथ ही छठ पर्व की शुभकामनाएं दीं।
भोपाल: भोपाल के 52 घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। कटारा हिल्स स्थित स्वामी विवेकानंद सोसाइटी में भी भक्तों ने छठ पूजा की।
उज्जैन: उज्जैन में विक्रम तीर्थ सरोवर और शिप्रा नदी के रामघाट पर व्रती महिलाओं की भारी भीड़ जुटी। इस धार्मिक अवसर पर आतिशबाजी का भी भव्य आयोजन किया गया।
नर्मदापुरम: नर्मदा नदी के सेठानी घाट, विवेकानंद घाट और पोस्ट ऑफिस घाट पर भी पूर्वांचल और उत्तर भारत के निवासियों ने जल में खड़े होकर सूर्यदेवता की आराधना की।
भोपाल में एमपी का पहला छठ मैया मंदिर

छठ पर्व के अवसर पर भोपाल को एक बड़ी सौगात मिली है। लिंक रोड नंबर 3 स्थित 5 नंबर छठ घाट पार्क में मध्य प्रदेश का पहला छठ मैया मंदिर बनकर तैयार हो गया है। सोमवार को महापौर मालती राय सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने इसका लोकार्पण किया। इस अवसर पर वैदिक विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई।
मंदिर में सूर्य रूप में छठ मैया की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है। इस 6 फीट लंबी, 4 फीट चौड़ी और 5 फीट ऊंची प्रतिमा को जयपुर के कलाकारों महावीर भारती और निर्मला ने 16 टन वजनी मकराना संगमरमर से तराशा है। इस प्रतिमा में छठ मैया को सूर्य देव के रथ पर आरूढ़ स्वरूप में उकेरा गया है।
छठ पूजा ने भोपाल में बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश की समृद्ध संस्कृति को जीवंत कर दिया, जिससे पूरा शहर भक्तिमय हो उठा। झीलों की नगरी में सूर्य उपासना के महापर्व पर शहर के विभिन्न घाटों, विशेषकर शीतलदास की बगिया, बड़े तालाब के किनारे और अन्य प्राकृतिक जल स्रोतों पर छठ की अद्भुत छटा बिखरी। महापर्व के दौरान, व्रती महिलाओं (परवैतियों) ने 36 घंटे का निर्जल व्रत रख पारंपरिक गीत गाए और पूरी श्रद्धा से पूजा की। श्रद्धालु सूप और दौरा में फल, ठेकुआ, गन्ना और अन्य पारंपरिक सामग्री सजाकर घाटों पर पहुंचे।
देखिए.. छठ की छटा तस्वीरों में

राजधानी में घाट पर व्रती.. पूजन की तैयारी मेंं
सूर्य को अर्घ्य देती महिलाएं।

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