मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश में "नशे से दूरी है जरूरी" अभियान का शुभारंभ किया। यह राज्यव्यापी जागरूकता कार्यक्रम 30 जुलाई तक चलेगा, जिसका उद्देश्य युवाओं और समाज को नशे के दुष्प्रभावों से बचाना है। जानें पुलिस और अन्य विभागों की भूमिका।
By: Star News
Jul 15, 20256 hours ago
भोपाल. स्टार समाचार वेब
मध्य प्रदेश में समाज को नशे के चंगुल से मुक्त करने के उद्देश्य से "नशे से दूरी है जरूरी" राज्य-स्तरीय अभियान की शुरूआत हो गई है, जो 30 जुलाई 2025 तक चलेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अभियान के शुभारंभ वीडियो संदेश के माध्यम से अपने विचार रखते हुए किया। मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि नशा केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को ही नहीं, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी छिन्न-भिन्न करता है। उन्होंने नशे को एक सामाजिक बुराई बताया, जो युवाओं, परिवारों और समाज की जड़ों को खोखला कर रही है। मुख्यमंत्री ने दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि नशे की लत के कारण कई परिवार उजड़ जाते हैं। उन्होंने जोर दिया कि युवा देश का भविष्य हैं और उन्हें इस दलदल से बचाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह संकल्पित है। डॉ. यादव ने प्रदेशवासियों से मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा संचालित इस नशामुक्ति अभियान को सफल बनाने का आह्वान किया।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कैलाश मकवाना ने पुलिस मुख्यालय, भोपाल में इस वृहद नशामुक्ति जन-जागरूकता अभियान का विधिवत शुभारंभ किया। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. यादव के वीडियो संदेश का विमोचन किया और अभियान के पोस्टर का अनावरण भी किया।
मकवाना ने कहा कि मादक पदार्थों के सेवन से युवाओं और परिवारों पर पड़ने वाले विनाशकारी प्रभावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "हमारा है यही संदेश- नशा मुक्त हो मध्यप्रदेश।"
अभियान में राज्य के कई प्रमुख विभाग सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं, जिनमें उच्च शिक्षा, ग्रामीण विकास, सामाजिक न्याय, खेल एवं युवा कल्याण, तकनीकी शिक्षा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, नगरीय विकास एवं आवास, और स्कूल शिक्षा विभाग शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, विभिन्न गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) और धार्मिक संस्थान भी अपनी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित कर रहे हैं।
मीडिया प्रचार: स्थानीय रेडियो और एफएम चैनलों पर प्रसारण, सार्वजनिक स्थलों पर बैनर, पोस्टर, होर्डिंग्स का प्रदर्शन, और पंपलेट का वितरण।
डिजिटल प्रचार: प्रिंट मीडिया, बस अड्डों और प्रमुख चौराहों पर डिजिटल स्क्रीन के माध्यम से वीडियो प्रचार। सफाई वाहनों पर लगे पीए सिस्टम से नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी।
सोशल मीडिया: फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर #नशे_से_दूरी_है_जरूरी, #SayNoToDrugs, #NashamuktMP जैसे हैशटैग का व्यापक उपयोग।
सेल्फी पॉइंट: प्रत्येक आयोजन स्थल पर नशामुक्ति से संबंधित ‘सेल्फी पॉइंट’ बनाए जाएंगे ताकि आमजन की भागीदारी को प्रोत्साहन मिले।
हेल्पलाइन और वेबसाइट: नारकोटिक्स से संबंधित शिकायतों और परामर्श के लिए हेल्पलाइन नंबर 1933 और 14446, तथा वेबसाइट https://ncbmanas.gov.in का व्यापक प्रचार।
प्रचार सामग्री: कैप्स, रिस्ट बैंड्स, बैजेस, पोस्टर और बैनर का वितरण।
अभियान में प्रदेश के सभी स्कूलों और कॉलेजों के छात्रावासों में ‘छात्रावास नशामुक्ति समितियों’ का गठन किया जाएगा। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्था, अखिल भारतीय गायत्री परिवार, आर्ट ऑफ लिविंग, हार्टफुलनेस जैसे सामाजिक व धार्मिक संगठन भी सक्रिय रूप से इस अभियान में योगदान देंगे। सामाजिक न्याय एवं एमएसएमई विभाग द्वारा प्रशिक्षित "मास्टर वॉलंटियर्स" नागरिकों व छात्रों को नशामुक्ति के लिए प्रेरित करेंगे, जबकि "कला पथक दल" नुक्कड़ नाटक, गीत और संगीत के माध्यम से जनजागरूकता फैलाएंगे।
अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं जैसे Alcoholics Anonymous और Narcotics Anonymous भी इस अभियान में अपना योगदान दे रही हैं। शिक्षा विभाग द्वारा संचालित "युवा संगम" के अंतर्गत "प्रहरी क्लब"/ "ओजस क्लब" और "उमंग मॉड्यूल" के माध्यम से छात्रों को नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित "Manhit App" के माध्यम से नशा पीड़ित व्यक्तियों को चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराया जाएगा। मेडिकल और टेक्नीकल कॉलेजों सहित विभिन्न शिक्षण संस्थानों के सहयोग से पोस्टर, शॉर्ट मूवी और जागरूकता संदेश साझा किए जाएंगे।