मध्य प्रदेश में 12 से 14 अक्टूबर तक चलने वाले पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई। CM डॉ. यादव ने 'दो बूंद जिंदगी की' का महत्व बताया। जानें, कौन से 18 जिले हैं शामिल और टीकाकरण का लक्ष्य क्या है।
By: Ajay Tiwari
Oct 12, 20256 hours ago
भोपाल: स्टार समाचार वेब
मध्य प्रदेश को पूर्णतः पोलियो मुक्त बनाए रखने के संकल्प के साथ रविवार (12 अक्टूबर) को राज्य के 18 चयनित जिलों में तीन दिवसीय पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान का शुभारंभ हो गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री निवास पर छोटे बच्चों को पोलियो रोधी दवा की दो बूंदें पिलाकर इस महत्वपूर्ण अभियान की शुरुआत की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर कहा कि "पोलियो की दो बूंदें" केवल एक बच्चे को जीवन भर के लिए सुरक्षित नहीं करतीं, बल्कि यह एक स्वस्थ, सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र के निर्माण की नींव भी हैं। उन्होंने सभी अभिभावकों से विनम्र अपील की कि वे सुनिश्चित करें कि लक्षित आयु वर्ग का कोई भी बच्चा पोलियो की खुराक पीने से वंचित न रह जाए।
39 लाख से अधिक बच्चों का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने पोलियो जैसी बीमारी के पूर्ण उन्मूलन को हर नागरिक का कर्तव्य बताते हुए कहा कि यह अभियान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 'स्वस्थ और सशक्त भारत' के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक दृढ़ कदम है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 12 से 14 अक्टूबर तक चलने वाले इस अभियान में 18 चयनित जिलों में 39 लाख 19 हजार से अधिक बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए 64 हजार से अधिक वैक्सीनेटर्स को लगाया गया है, जो 24 हजार से अधिक पल्स पोलियो बूथों के माध्यम से बच्चों को दवा पिलाएंगे। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया गया है कि बूथ दिवस के बाद अनिवार्य रूप से घर-घर जाकर छूटे हुए बच्चों को भी दवा पिलाई जाए।
इन 18 जिलों में चलाया जाएगा अभियान
पल्स पोलियो अभियान के तहत जिन 18 जिलों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है, वे हैं: अनूपपुर, बैतूल, भिंड, भोपाल, छिंदवाड़ा, दतिया, देवास, ग्वालियर, नर्मदापुरम, जबलपुर, कटनी, खण्डवा, खरगौन, मंडला, मंदसौर, मुरैना, नरसिंहपुर और नीमच।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने जनभागीदारी को इस अभियान की सबसे बड़ी शक्ति बताया और विश्वास जताया कि हर घर के सहयोग से प्रदेश शीघ्र ही 'पूर्णतः पोलियो मुक्त मध्यप्रदेश' बनेगा। इस दौरान नगर निगम अध्यक्ष श्री किशन सूर्यवंशी और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।