प्रधानमंत्री मोदी ने 'इंडिया-यूके सीईओ फोरम' में CETA (व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता) को साझा प्रगति का रोडमैप बताया। घोषणा की कि ब्रिटेन के 9 विश्वविद्यालय भारत में कैंपस खोलेंगे और 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार $56 अरब से दोगुना करने का लक्ष्य है।
By: Ajay Tiwari
मुंबई.स्टार समाचार वेब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 'इंडिया-यूके सीईओ फोरम' को संबोधित करते हुए भारत और ब्रिटेन के बीच आर्थिक संबंधों को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के नौ विश्वविद्यालय जल्द ही भारत में अपने परिसर (कैंपस) खोलेंगे। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (FTA), जिसे व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (CETA) नाम दिया गया है, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को बढ़ावा देगा और लाखों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मौजूदा वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत-ब्रिटेन संबंधों में स्थिरता बढ़ी है। उन्होंने जुलाई में ब्रिटेन यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित CETA को एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया, जिसके लिए उन्होंने अपने मित्र प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के दृष्टिकोण की प्रशंसा की।
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि यह समझौता केवल व्यापार समझौता नहीं है, बल्कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच साझा प्रगति और समृद्धि का रोडमैप है। उन्होंने कहा, "आज हमारा द्विपक्षीय व्यापार लगभग 56 अरब डॉलर है। हमने इसे 2030 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। मुझे भरोसा है कि हम यह लक्ष्य समय से पहले प्राप्त कर सकते हैं।"
पीएम मोदी ने CETA को उसकी पूरी क्षमता तक पहुँचाने के लिए चार नए आयाम पेश किए:
C: वाणिज्य और अर्थव्यवस्था (Commerce and Economy)
E: शिक्षा (Education) और लोगों का आपस में संपर्क
T: तकनीक और नवाचार (Technology and Innovation)
A: आकांक्षा (Aspiration)
उन्होंने कहा कि हमें महत्वपूर्ण खनिजों, दुर्लभ धातुओं और एपीआई (Active Pharmaceutical Ingredients) जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में सुव्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ना चाहिए ताकि संबंधों को भविष्योन्मुख दिशा मिल सके।
प्रधानमंत्री ने वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करते हुए कहा कि भारत की नीति में स्थिरता, नियमों में पारदर्शिता और बड़े पैमाने पर मांग मौजूद है। उन्होंने बताया कि बुनियादी ढांचे, दवाइयों, ऊर्जा और वित्त सहित हर क्षेत्र में अभूतपूर्व अवसर हैं। ब्रिटेन के नौ विश्वविद्यालयों द्वारा भारत में कैंपस खोलने की खबर को उन्होंने शिक्षा और उद्योग के बीच साझेदारी को मजबूत करने वाला बताया, जो भारत की नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था की सबसे बड़ी ताकत बनेगी।
उन्होंने टेलीकॉम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बायोटेक, क्वांटम, सेमीकंडक्टर, साइबर और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में सहयोग की अनंत नई संभावनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने रक्षा क्षेत्र में मिलकर डिजाइन और निर्माण की दिशा में आगे बढ़ने की बात भी कही।
पीएम मोदी ने फिनटेक क्षेत्र में भारत की क्षमता पर प्रकाश डाला, जहाँ दुनिया के लगभग 50 फीसदी रियल-टाइम डिजिटल लेनदेन भारत में होते हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन का वित्तीय सेवाओं का अनुभव और भारत का डिजिटल सार्वजनिक ढांचा (DPI) मिलकर पूरी मानवता को लाभ पहुंचा सकते हैं।
अंत में, प्रधानमंत्री ने 'विजन 2035' की घोषणा की, जिसे उन्होंने और प्रधानमंत्री स्टार्मर ने मिलकर तैयार किया है। यह विजन दोनों देशों के साझा लक्ष्यों का एक खाका (ब्लूप्रिंट) है। उन्होंने कहा कि भारत की प्रतिभा और विशाल आकार तथा ब्रिटेन की शोध और विशेषज्ञता का मेल बड़े नतीजे दे सकता है।