पटियाला में पूर्व आईजी अमर सिंह चहल ने खुदकुशी की कोशिश की। 12 पन्नों के सुसाइड नोट में करोड़ों की साइबर ठगी का खुलासा। जानें उनकी हालत और फरीदकोट फायरिंग केस से उनका जुड़ाव।
By: Ajay Tiwari
Dec 22, 20254:57 PM
पटियाला: स्टार समाचार वेब
पंजाब पुलिस के पूर्व महानिरीक्षक (IG) अमर सिंह चहल द्वारा खुद को गोली मारकर आत्महत्या की कोशिश करने का मामला सामने आया है। इस घटना ने पूरे पुलिस महकमे और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है। गंभीर रूप से घायल पूर्व अधिकारी को तत्काल पटियाला के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ वे जीवन और मौत के बीच जूझ रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमर सिंह चहल ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से अपनी छाती में गोली मार ली। गोली की आवाज सुनकर परिजन और आसपास के लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और उन्हें लहूलुहान हालत में अस्पताल पहुँचाया। डॉक्टरों के अनुसार, उनकी स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है। पटियाला के एसपी सिटी पलविंदर सिंह चीमा ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस बल मौके पर तैनात है और फोरेंसिक टीम साक्ष्य जुटा रही है।
पुलिस को तलाशी के दौरान घटनास्थल से 12 पन्नों का एक विस्तृत सुसाइड नोट बरामद हुआ है। यह नोट पंजाब पुलिस के महानिदेशक (DGP) गौरव कपूर के नाम लिखा गया है। सुसाइड नोट में पूर्व आईजी ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए लिखा है कि वे 8.10 करोड़ रुपये की बड़ी साइबर ठगी का शिकार हुए थे। माना जा रहा है कि इसी भारी आर्थिक नुकसान और मानसिक तनाव के कारण उन्होंने यह खौफनाक कदम उठाया।
अमर सिंह चहल का नाम पिछले कुछ वर्षों से सुर्खियों में रहा है। वे वर्ष 2015 के चर्चित फरीदकोट फायरिंग मामले (बहबल कलां और कोटकपूरा कांड) में मुख्य आरोपियों में से एक रहे हैं।
चार्जशीट में नाम: फरवरी 2023 में एडीजीपी एलके यादव की अगुवाई वाली एसआईटी (SIT) ने फरीदकोट कोर्ट में जो चार्जशीट पेश की थी, उसमें अमर सिंह चहल का नाम भी शामिल था।
दिग्गजों के साथ नामजद: इस चार्जशीट में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल, पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी और आईजी परमराज सिंह उमरानंगल जैसे बड़े नामों के साथ चहल को भी नामजद किया गया था।
पटियाला पुलिस अब सुसाइड नोट के हर पहलू की बारीकी से जांच कर रही है। विशेष रूप से उस साइबर ठगी के कोण को खंगाला जा रहा है जिसका जिक्र चहल ने अपने पत्र में किया है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वे कौन लोग थे जिन्होंने एक पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को इतनी बड़ी ठगी का शिकार बनाया।