भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय हिंदी अलंकरण समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने साहित्य, शोध और तकनीक के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले विद्वानों को सम्मानित किया। इस दौरान 'Be Indian, Buy Indian' अभियान की शुरुआत भी हुई। पढ़ें पूरी खबर।
By: Ajay Tiwari
Sep 15, 202515 hours ago
भोपाल. स्टार समाचार वेब
राजधानी के रविंद्र भवन स्थित हंसध्वनि सभागार में सोमवार को राष्ट्रीय हिंदी अलंकरण सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने देशभर से आए साहित्यकारों, शोधकर्ताओं और विद्वानों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में भारत की भाषाई विविधता की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां इतनी सारी बोलियां और भाषाएं बोली जाती हैं। उन्होंने रानी दुर्गावती जैसे ऐतिहासिक चरित्रों पर काव्य रचना कर उन्हें पाठ्यक्रम में शामिल करने का सुझाव दिया। उन्होंने राजा भोज के काल को याद करते हुए कहा कि उस समय कवियों को प्रोत्साहित करने के लिए सोने के सिक्के दिए जाते थे, जो हमारी भाषाओं के लिए एक गौरवशाली समय था।
'Be Indian, Buy Indian' अभियान का शुभारंभ
समारोह के दौरान कई नए प्रकाशनों का विमोचन किया गया, जिनमें 'भारतीय भाषा आलोक', 'समाज की भाषा का संकल्प', 'शिवगीता' और 'श्रीराधा द्वापर युग की महानायिका' जैसे महत्वपूर्ण ग्रंथ शामिल थे। इसी मंच से 'Be Indian, Buy Indian, हमारी-लक्ष्मी हमारे पास' नामक अभियान का भी शुभारंभ किया गया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को विक्रमोत्सव 2025 के लिए एशिया के शासकीय समारोह की विशेष श्रेणी में मिला गोल्ड अवॉर्ड भी भेंट किया गया। कार्यक्रम में संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी भी मौजूद थे।
सम्मानित विभूतियां
समारोह में विभिन्न श्रेणियों में ये विद्वान सम्मानित हुए:
राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सम्मान: प्रशांत पोल (जबलपुर, 2024) और लोकेंद्र सिंह राजपूत (भोपाल, 2025)
राष्ट्रीय निर्मल वर्मा सम्मान: रीता कौशल (ऑस्ट्रेलिया, 2024) और डॉ. वंदना मुकेश (इंग्लैंड, 2025)
राष्ट्रीय फादर कामिल बुल्के सम्मान: डॉ. इंदिरा गाजिएवा (रूस, 2024) और पद्मा जोसेफिन वीरसिंघे (श्रीलंका, 2025)
राष्ट्रीय गुणाकर मुले सम्मान: डॉ. राधेश्याम नापित (शहडोल, 2024) और डॉ. सदानंद सप्रे (भोपाल, 2025)