रीवा के मिनर्वा अस्पताल में मरीज की मौत के बाद हंगामा। परिजनों का आरोप – ऑपरेशन के बाद मरीज को मृत बताने में देरी की गई और 20 लाख रुपये वसूले गए। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच शुरू की।
By: Yogesh Patel
Sep 04, 2025just now
हाइलाइट्स
मिनर्वा अस्पताल में ऑपरेशन के बाद मरीज की मौत।
परिजनों का आरोप – डॉक्टरों ने मौत छुपाकर 20 लाख रुपये वसूले।
हंगामे के बाद पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा, जांच शुरू।
रीवा, स्टार समाचार वेब
शहर के जय स्तंभ चौक में स्थित मिनर्वा हॉस्पिटल में मरीज की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ। परिजनों का आरोप था कि आॅपरेशन के बाद मरीज की मौत हो गई, लेकिन अस्पताल प्रबंधन बिल बढ़ाने के लिये परिजनों को जानकारी नहीं दिया। मंगलवार की रात उसे मृत बता कर परिजनों को सौंप दिया गया। इस दौरान अस्पताल प्रबंधन ने करीब 20 लाख रुपये परिजनों से ले लिये। हंगामा की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंची और परिजनों को शांत करा कर शव को पोस्टमार्टम के लिये संजय गांधी अस्पताल भेजा। वहीं परिजनों की शिकायत पर जांच शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि 6 अगस्त को सिंगरौली स्थित एनटीपीसी के रिटायर्ड इंजीनियर सतना निवासी संपत लाल वर्मा को पैरालाइज की शिकायत होने पर उपचार के लिए मिनर्वा अस्पताल भर्ती कराया गया था। तकरीबन एक माह तक चले उपचार के उपरांत मंगलवार की देर रात भर्ती मरीज को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। मृतक की पुत्री सहित परिजनों ने आरोप लगाते हुए बताया कि अस्पताल में भर्ती होने के तुरंत बाद डॉक्टरो ने तकरीबन 2 बजे अचानक से आॅपरेशन करने की सलाह दी। तुरंत आॅपरेशन ना करने पर मरीज की मौत हो जाने का हवाला भी दिया। डॉक्टरों की बात से परिजन इस कदर डरे कि उन्होंने तुरंत आॅपरेशन के लिए हां कर दी। आॅपरेशन के बाद मरीज को होश नहीं आया। परिजनों की माने तो आॅपरेशन के बाद से मरीज पूरी तरह से अनकॉन्शिस था, उसके शरीर में किसी भी प्रकार की कोई हरकत नहीं हो रही थी। बावजूद इसके डॉक्टर सुधार होने की बात करते रहे। परिजनों ने बताया कि बीते दो-तीन दिनों से उन्हें मरीज के मौत हो जाने की आशंका सता रही थी। वह डॉक्टर से बार-बार मरीज का हाल जानने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन डॉक्टर मरीज को पूरी तरह से ठीक बताते रहे। परिजनों ने बताया कि मंगलवार को जब उन्हें मरीज की मौत का संदेह बढ़ा तो उन्होंने दूसरी अस्पताल ले जाने की जिद कर डाली, ऐसे में सबसे पहले तो अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों से बिल से संबंधित दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कारये और बाद में मरीज को मृत घोषित करते हुए परिजनों को अस्पताल से बाहर का रास्ता दिखा दिया। परिजनों की माने तो उपचार में तकरीबन 20 लाख रुपयों का बिल बनाया गया है। बहरहाल परिजनों के इस आरोप के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दिया है।