राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक जबलपुर में 30 अक्टूबर से 1 नवंबर तक शुरू। मोहन भागवत, दत्तात्रेय होसबाले और 407 कार्यकर्ता शताब्दी समारोहों, 'पंच परिवर्तन' और आगामी रणनीतियों पर चर्चा कर रहे हैं।
By: Ajay Tiwari
Oct 30, 20255:00 PM
मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया है। तीन दिनों तक चलने वाली यह एक नवंबर को समाप्त होगी। इसमें सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले सहित देशभर के शीर्ष संघ पदाधिकारी शामिल हुए हैं।
जबलपुर के विजन नगर स्थित कचनार सिटी में शुरू हुई यह बैठक संघ की संगठनात्मक गतिविधियों, आगामी रणनीतियों और भविष्य की योजनाओं पर गहन विचार-विमर्श का प्रमुख मंच है। संघ के 101वें वर्ष में प्रवेश के बाद मनाए जाने वाले शताब्दी समारोहों की रूपरेखा पर विशेष चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, अक्टूबर 2026 तक चलने वाली "पंच परिवर्तन" जैसी प्रमुख पहल और राष्ट्रीय तथा सामाजिक मुद्दों पर भी मंथन होना है।
बैठक में गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस और बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती जैसे महत्वपूर्ण अवसरों को विशेष रूप से याद करने और इससे संबंधित कार्यक्रमों पर भी विचार किया जाएगा।

गुरुवार सुबह 9 बजे सरसंघचालक मोहन भागवत और दत्तात्रेय होसबाले द्वारा भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित करने के साथ बैठक की शुरुआत हुई। इस राष्ट्रीय सम्मेलन में सह-सरकार्यवाह, अखिल भारतीय अधिकारी, 11 क्षेत्रों के संघचालक, कार्यवाह, प्रचारक और विभिन्न समविचारी संगठनों के प्रमुख सहित 46 प्रांतों के कार्यवाह और प्रचारक उपस्थित हैं। पूरे देश से 407 कार्यकर्ता इस मंथन में शामिल हुए हैं।
आरएसएस के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र कुमार ने बताया कि बैठक सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगी। बैठक की शुरुआत में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन, फिल्म अभिनेता असरानी सहित कुल 207 दिवंगत प्रमुख हस्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
आरएसएस के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में, हिंदुत्व के विस्तार और "पंच परिवर्तन" को बढ़ावा देने के उद्देश्य से देश भर में एक लाख से ज़्यादा हिंदू सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। ये सम्मेलन स्थानीय स्तर पर बस्तियों और मोहल्लों में आयोजित किए जाएंगे, जिससे जमीनी स्तर पर संगठन की पहुँच बढ़ेगी।