कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान के तहत सतना में शहर और ग्रामीण अध्यक्षों की नियुक्ति पर सवाल खड़े हो गए हैं। सईद अहमद द्वारा शहर अध्यक्ष पद लेने से इनकार करने के बाद आरिफ इकबाल सिद्दीकी की ताजपोशी ने कार्यकर्ताओं को नाराज़ कर दिया है। पार्टी के जातीय समीकरणों में सवर्ण नेताओं की अनदेखी से कांग्रेस का वोट बैंक प्रभावित हो सकता है।
By: Yogesh Patel
Aug 18, 2025just now
हाइलाइट्स
सतना, स्टार समाचार वेब
प्रदेश में कांग्रेस के जिला अध्यक्षों की घोषणा होते ही कई जिलों में पार्टी की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। नवनियुक्त जिला अध्यक्षों का विरोध भी शुरू हो गया है। इस मामले में सतना भी अछूता नहीं है। यहां शहर अध्यक्ष को लेकर खासी नाराजगी है। जमीनी कार्यकर्ता और शहर अध्यक्ष की दावेदारी कर रहे नेता अपने- आपको ठगा महसूस कर रहे हैं। ‘संगठन सृजन’ अभियान के जरिए कांग्रेस को बूथ स्तर तक मजबूत किए जाने के किए जा रहे दावों पर सवाल उठाते हुए कार्यकर्ताओं का दावा है कि इससे संगठन मजबूत होने की बजाय और कमजोर होगा? बहरहाल एआईसीसी और पीसीसी पर्यवेक्षकों के बीच हुई रायशुमारी के इतर हुई शहर व ग्रामीण अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर सवाल उठाने वाले ग्रामीण की कमान विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को सौंपे जाने पर संगठन की मजबूती के लिए उठाया गया कदम मान रहे हैं लेकिन शहर अध्यक्ष की कमान आरिफ इकबाल सिद्दीकी को दिया जाना पार्टी कार्यकर्ताओं को पच नहीं रहा है। यद्यपि शहर अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर पार्टी के सूत्रों के दावों की मानें तो शहर अध्यक्ष के लिए हुई रायशुमारी के दौरान विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने आरिफ का नाम आगे बढ़ाया था, उस समय तक विधायक को भी अंदाजा नहीं था कि शीर्ष नेतृत्व जिला ग्रामीण संगठन की कमान उन्हें भी सौंप सकता है।
सूत्रों के मुताबिक इस बीच रायशुमारी में शहर अध्यक्ष के लिए एक दर्जन नामों में से किसी नाम पर शीर्ष स्तर पर सहमति न बन पाने पर पार्टी जिले के अल्पसंख्यक मतदाताओं को अपने साथ बनाए रखने के लिए पूर्व राज्यमंत्री सईद अहमद को शहर अध्यक्ष बनाना चाहती थी लेकिन श्री अहमद द्वारा इंकार किए जाने के बाद अंतत: विधायक की पसंद आरिफ इकबाल सिद्दीकी की शहर अध्यक्ष के तौर पर ‘ताजपोशी’ कर दी गई। बहरहाल इसमें कितनी सच्चाई है यह तो कांग्रेस नेता और उनका शीर्ष नेतृत्व जाने पर इतना तो तय है कि शहर अध्यक्ष के चयन में कहीं न कहीं कांग्रेस के रणनीतिकारों ने चूक कर दी।
सवर्ण नेता दरकिनार
विशुद्ध जातीय समीकरण के आधार पर चलने वाले विंध्य के प्रवेश द्धार सतना में ग्रामीण व शहर कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्षों की घोषणा करते हुए पार्टी ने अल्पसंख्यक व ओबीसी चेहरे पर दांव लगाया है, पार्टी के इस निर्णय से मुस्लिम व कुशवाहा मतदाता एक हद तक तो कांग्रेस के साथ जा सकता है लेकिन पार्टी के इस निर्णय से जिले का एक सवर्ण वोट बैंक उससे छिटक सकता है। माना जा रहा था कि कांग्रेस शहर व ग्रामीण में से किसी एक में ब्राम्हण व क्षत्रीय वर्ग से आने वाले किसी एक नेता पर दांव लगा सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पार्टी के इस निर्णय के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। सवर्ण वर्ग से कांग्रेस संगठन की दूरी उसे मिशन 2028 में भारी पड़ सकती है।
मेरे कार्यकाल के दौरान सभी कार्यकर्ताओं ने मुझे जो सहयोग और सम्मान दिया है उसके लिए मैं हमेशा ऋणी रहूंगा। मैंने विपरीत परिस्थितियों में कांग्रेस की बागडोर संभाली थी ऐसी स्थिति में पार्टी कार्यकर्ताओं के सहयोग के बिना कुछ भी कर पाना संभव नहीं था। जनहित के मुद्दों पर एक जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका का निर्वहन करने में पार्टी के कार्यकर्ताओं के सहयोग और समर्पण को कभी नहीं भुलाया जा सकता। नवनियुक्त जिलाध्यक्ष सिद्धार्थ कुशवाहा को शुभकामनाएं, उनके नेतृत्व में कांग्रेस को एक नई मजबूती मिलेगी।
-दिलीप मिश्रा, निवर्तमान जिलाध्यक्ष कांग्रेस कमेटी ग्रामीण
9 जिलों में एक महिला पर भरोसा
कांग्रेस ने 71 जिलों में घोषित अपने अध्यक्षों में सिर्फ चार महिलाओं को संगठन की कमान दी है। अगर विंध्य की बात करें तो यहां 9 जिलों में पार्टी ने शहर व ग्रामीण मिलाकर 12 जिलाध्यक्षों की घोषणा की है। इनमें से 1 महिला के हाथों में संगठन की कमान दी है। सिंगरौली जिले की कांग्रेस कमेटी ग्रामीण का अध्यक्ष पूर्व विधायक सरस्वती सिंह मरकाम को बनाया गया है। सरस्वती सिंह मरकाम चितरंगी से विधायक रह चुकी हैं।
सतना में दो महिलाएं थीं दावेदार
विंध्य में पार्टी ने एक जिले में महिला के हाथों में संगठन की कमान भले ही दे दी हो लेकिन इस मामले में सतना की दो महिलाओं को निराशा ही हाथ लगी है। जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के अध्यक्ष के लिए सतना में भी अन्य दावेदारों की तरह दो महिला नेत्री भी दावेदार थीं। रैगांव से पूर्व विधायक कल्पना वर्मा और नागौद विधानसभा से विधानसभा उम्मीदवार रहीं रश्मि सिंह को भी जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के अध्यक्ष का प्रबल दावेदार माना जा रहा था।
इन नामों पर थी चर्चा
ग्रामीण अध्यक्ष
राजेन्द्र मिश्रा
गजेन्द्र सिंह गुडडू परसवारा
पूर्व विधायक कल्पना वर्मा
राजभान सिंह, राज
अजीत सिंह कोटर
कमलेन्द्र सिंह कमलू
शहर अध्यक्ष
उर्मिला त्रिपाठी
आसिफ सिद्दीकी
लल्लूलाल सतनामी
दिनेश पटनहा डब्बू
राजदीप सिंह मोनू
संजय अग्रवाल
किसे कहां की कमान
सतना
ग्रामीण: सिद्धार्थ कुशवाहा
शहर: आरिफ इकबाल सिद्दीकी
मैहर: धर्मेश घई
रीवा
ग्रामीण: राजेन्द्र शर्मा
शहर: अशोक पटेल
मऊगंज: हीरालाल कोल
सीधी: ज्ञान प्रताप सिंह
सिंगरौली
ग्रामीण : सरस्वती सिंह, पूर्व विधायक
शहर : प्रवीण सिंह चौहान
शहडोल : अजय अवस्थी
अनूपपुर : श्याम कुमार गुड्डा
उमरिया : विजय कुमार कोल