सतना जिले में खाद संकट गहराने से किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। टोकन के बावजूद यूरिया नहीं मिलने पर किसानों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। प्रशासन ने पुराने टोकनों का वितरण पूरा होने तक नए टोकन रोकने का फैसला लिया। खून से लिखी चिट्ठी और धरना-प्रदर्शन की तैयारी ने संकट को और गरमा दिया है।
By: Star News
Sep 09, 20251 hour ago
हाइलाइट्स
सतना, स्टार समाचार वेब
प्रशासन किसानों को सुगमता से खाद मुहैया कराने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, बावजूद इसके जिले में खाद का संकट हल होने का नाम नहीं ले रहा है। सांसद गणेश सिंह ने भी बैठक लेकर अधिकारियों के साथ इस संकट को हल करने की रूपरेखा बनाई बावजूद इसके खाद संकट हल होने के बजाय बदस्तूर बना हुआ है। सोमवार को भी खाद संकट को लेकर जिले के विभिन्न अंचलों से शिकायतें आती रहीं। जिला मुख्यालय में तो एक बार फिर किसानों का गुस्सा फूटा और उन्होने सतना-पन्ना मार्ग पर जाम लगा दिया और नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। किसानों का आरोप है कि गोदामों में खाद मिल नहीं रही है केवल टोकन मिल रहे हैं। किसानों का कहना है कि यदि खाद का वाकई संकट है तो फिर दुकानों में 5 सौ से 6 सौ रूपए में बिकने वाली खाद कहां से लाई जा रही है? इधर सतना में नाराज किसानों ने जहां कलेक्टर के नाम का ज्ञापन बीके मिश्रा को सौंपा तो वहीं उधर मैहर में किसान कांग्रेस ने एक बड़ा प्रदर्शन करते हुए मैहर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर किसानों की समस्या हल करने की मांग की है।
पहले 9 हजार किसानों को मिलेगी खाद, फिर बटेंगे टोकन
इधर प्रशासन लगातार किसानों को जानकारी दे रहा है कि खाद संकट जिले में कहीं नहीं है और समितियों में खाद पर्याप्त है , लेकिन किसानों को खाद मिल ही नहीं पा रही है। किसानों का आरोप है कि प्रशासन खाद वितरण का प्रबंधन नहीं कर पा रहा है जिसके चलते खाद का संकट मुहबाए खड़ा नजर आ रहा है। एक आंकड़े के अनुसार मार्कफेड से टोकन लेने के बाद भी 9,206 किसानों को यूरिया नहीं मिली है। इनमें सबसे ज्यादा 6 हजार किसान मैहर के हैं। अमरपाटन में 3,300 और रामनगर में 300 किसान प्रभावित हैं। इसके अलावा सतना के सिविल लाइन सेंटर में 600, शेरगंज में 185, नागौद में 371 और उचेहरा में 450 किसान टोकन लेने के बावजूद यूरिया का इंतजार कर रहे हैं। अब जिला विपणन संघ ने निर्णय लिया है कि किसानों को टोकन तब तक नहीं दिए जाएंगे जब तक कि पूर्व वितरित टोकनों पर खाद वितरित नहीं हो पाती है।
घंटों लाइन में लगने के बाद खाली हाथ लौटे
किसानों का कहना है कि वे रोज सुबह से लाइन में लगते हैं। घंटों इंतजार करने के बाद भी उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है। उनका कहना है कि समय पर खाद नहीं मिलने से फसल खराब होने का खतरा है। प्रदर्शन के कारण यातायात भी प्रभावित हुआ। पुलिस और प्रशासन ने किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन किसान अपनी मांग पर डटे रहे।
उधर खाद के लिए खून से लिखी चिट्ठी
खाद की समस्या से जिले के किसानों को हो रही परेशानी के मद्देनजर कांग्रेस नेता आशुतोश द्विवेदी ने खून भरी चिट्ठी लिखकर खाद संकट हल करने की मांग की है। सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुई खूनभरी चिट्ठी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी रही।
युकां का धरना-प्रदर्शन का ऐलान
खाद वितरण केंद्रों में किसानों की परेशानी को देखते हुए युवक कांग्रेस भी वितरण व्यवस्था के खिलाफ आंदोलन करने का निर्णय लिया है।युकां जिलाध्यक्ष मशहूद अहमद शेरू ने चेतावनी दी है कि यदि जिला प्रशासन ने खाद संकट को 48 घंटे के भीतर हल न किया तो धरना-प्रदर्शन व आंदोलन किया जाएगा।
किसान कांग्रेस का जिला स्तरीय धरना 10 को
किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहन के निर्देश पर सतना जिले के किसानों की खाद्य समस्या, कालाबाजारी एवं अन्य किसान विरोधी नीतियों के बिरोध में किसान कांग्रेस द्वारा 10 सितंबर को स्थान सिविल लाइन कोठी रोड विपणन संघ के पास दोपहर 12 बजे से धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया है। किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष संतोष पांडेय ने जिले के किसानों को प्रदर्शन में शामिल होने का आह्वान किया है।