सतना में ‘फिनसॉल स्टार निधि लिमिटेड’ नामक संदिग्ध फाइनेंस कंपनी ने 350 से अधिक निवेशकों और अपने कर्मचारियों से करोड़ों रुपये की ठगी की। शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने कंपनी के एमडी हरिशंकर शुक्ल को छतरपुर जिले से गिरफ्तार किया। प्रशासन की लापरवाही से निवेशकों को भारी नुकसान।
By: Star News
Jul 25, 202517 hours ago
हाइलाइट्स
सतना, स्टार समाचार वेब
चिटफंड व संदिग्ध फाइनेंस कम्पनियों का पसंदीदा ठिकाना बना सतना निवेशकों के साथ हुई ठगी का एक बार पुन: साक्षी बना है। छतरपुर से संचालित एक कम्पनी ने न केवल साढ़े तीन सौ से अधिक निवेशकों के साथ ठगी की है बल्कि अपनी ही कम्पनी के कर्मचारियों को भी नहीं बख्शा है। मामला फिनसॉल स्टार निधि लिमिटेड का है जिसके शीर्ष प्रबंधन ने यहां बेरोजगार युवकों को कर्मचारी बनाकर ठगी का ऐसा कारोबार शुरू किया कि उसके जाल में 300 से अधिक निवेशक फ ंस कर अपनी जमा पूंजी लौटाने की गोहार लगा रहे हैं। मामले की शिकायत होने पर कोतवाली पुलिस ने छतरपुर से कम्पनी के एमडी को उठा लिया है फिलहाल उससे पूछताछ चल रही है।
शिकायत पर छतरपुर पहुंची पुलिस
इस मामले में उतैली निवासी धर्मेन्द्र सिंह बघेल पिता महेन्द्र सिंह बघेल की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने बीएनएस की धारा 418, 420, 421 के तहत मामला पंजीबद्ध कर एसपी आशुतोष गुप्ता, एएसपी शिवेन्द्र सिंह बघेल, सीएसपी देवेन्द्र सिंह चौहान के मार्गदर्शन व निर्देशन में कोतवाली प्रभारी रावेन्द्र द्विवेदी ने टीम गठित की और आरोपी एमडी हरिशंकर शुक्ल की तलाश में छतरपुर भेजा। हालांकि पुलिस को हरिशंकर शुक्ल छतरपुर पुलिस लाइन स्थित आवास से गायब मिला जिसकी तलाश में छतरपुर में पूछताछ की गई जिसके बाद पता चला कि आरोपी हरिशंकर शुक्ल छतरपुर जिले के बिजावर थानान्तर्गत पाटन चला गया है। अंतत: पुलिस ने दबिश देकर आरोपी को पाटन से गिरफ्तार कर लिया।
क्या है मामला
दरअसल, तकरीबन 3 साल पहले राजेन्द्र नगर गली नं. 14 में ए. बंसल के मकान में फिनसॉल कम्पनी का दफ्तर खोला गया। दफ्तर खोलने के दौरान कम्पनी के एमडी हरिशंकर शुक्ल द्वारा बड़े-बड़े सब्जबाग दिखाते हुए कर्मचारियों की जहां नियुक्ति की गई वहीं निवेशकों के खाते भी खोले जाने लगे। उस दौरान एमडी शुक्ला ने फिनसॉल का ऐसा खाका खींचा कि निवेशक अपनी हाड़तोड़ मेहनत की कमाई कम्पनी में जमा कराने लगे। बताया गया कि शुरुआती चरण में तो बैंक प्रबंधन का लेनदेन और कर्मचारियों की वेतन सामान्य तौर पर जारी रहा लेकिन तकरीबन आठ माह पूर्व से शीर्ष प्रबंधन की उदासीनता से कामकाज पटरी से उतर गया। इस दौरान निवेशकों के पैसे तो जमा होते रहे लेकिन उनकी निकासी रुक गई। यहां तक कि मैच्योर हो चुके खातों से निवेशक अपनी ही रकम नहीं निकाल पाए। 6 माह पूर्व कर्मचारियों को वेतन मिलना बंद हो गई। कर्मचारियों के मुताबिक वेतन तो उनके एकांउट में भेजी जाती थी लेकिन कम्पनी ने निकासी पर रोक लगा दी थी नतीजतन 6 माह से उनके हाथ वेतन भी नहीं लग रही थी, जिसके बाद कम्पनी के कर्मचारियों ने छतरपुर पुलिस लाइन स्थित एमडी हरिशंकर शुक्ल के आवास पहुंचकर निवेशकों द्वारा बनाए जा रहे दबाव की जानकारी दी। इस दौरान एमडी शुक्ल ने आश्वासन दिया कि वे जमीन बेंचकर निवेशकों का पैसा चुकाएंगे। आश्वासन पाकर कर्मचारियों के सतना लौटते ही एमडी हरिशंकर शुक्ल ने न केवल कर्मचारियों के लिए बनाए गए वाट्सएप ग्रुप को बंद कर दिया बल्कि उनके नम्बर भी ब्लैकलिस्ट में डाल दिए। नतीजतन कर्मचारियों पर निवेशकों का दबाव बढ़ने लगा और उन्होंने कोतवाली पुलिस की शरण ली।
कोतवाली पहुंचे निवेशक बताई आपबीती
एमडी हरिशंकर शुक्ल के कोतवाली पुलिस की गिरफ्त में फंसने की सूचना पाकर धर्मेन्द्र सिंह बघेल, अरविंद प्रजापति समेत एक सैकड़ा से अधिक निवेशक अपनी पासबुक व सर्टिफिकेट लेकर कोतवाली पहुंच गए। निवेशकों ने बैंक कर्मचारियों पर उनकी मेहनत की कमाई खुदबुर्द करने का आरोप लगाया। इस मामले में फि नसॉल के प्रबंधक बाईपास डिलौरा निवासी देवकीनंदन तिवारी, प्रिया सिंह, नितिन केवट, नीरज, शिवम, विक्रांत के अलावा एमडी हरिशंकर शुक्ल पर आरोप लगाए गए हालांकि कर्मचारियों का कहना है कि वे स्वयं एमडी के छल का शिकार बने हैं, उन्हें 6 माह से वेतन नहीं मिली है जबकि इनमें से कई कर्मचारियों ने भी फिनसॉल में निवेश किया है। एक कर्मचारी ने तो 5 लाख की एफडी भी कराई है।
संदिग्ध कंपनियों को नजरंदाज कर रहे जिम्मेदार
सतना में चिटफंड कंपनियों व फायनेंस की आड़ में खुली कंपनियों द्वारा पूर्व में कई गई धोखाधड़ी के कई मामले सामने आने के बाद भी जिला प्रशासन ऐसे मसलों पर अंकुश लगाने सतर्क नहीं है। अमूमन शहर में यदि वित्तीय लेन-देने से जुड़ी कोई कंपनी काम करती है तो जिला प्रशासन उस कंपनी की छानबीन कर यह सुनिश्चित करता है कि वित्तीय लेन-देन कर रही कंपनी का काम रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के अनुसार है या नहीं, लेकिन सतना में निवेशकों का पैसा कंपनियों द्वारा हड़प लिए जाने के बाद ही प्रशासन चेतता है। यदि सरेआम लोगों का पैसा जमा करा रही फिनसॉल पर प्रशासनिक अधिकारियों ने ध्यान दिया होता तो संभवत: इतने अधिक निवेशकों की रकम नहीं फंसी होती।
शिकायत पर एमडी के खिलाफ मामला दर्ज कर टीम को छतरपुर भेजा गया था। आरोपी एमडी को पकड़कर पूछताछ की जा रही है।
रावेंद्र द्विवेदी, थाना प्रभारी कोतवाली